धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष द्वारा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा जारी रहेगी। इस चर्चा में सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक अपने-अपने पक्ष रखेंगे और अंत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू इस पर जवाब देंगे।
विपक्ष ने बीते दिन मुख्यमंत्री कार्यालय, कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए सबूत प्रस्तुत किए थे जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति दी।
विपक्ष ठोस प्रमाण दे
मुख्यमंत्री ने भी कहा कि सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार है, बशर्ते विपक्ष ठोस प्रमाण दे। आज की कार्यसूची में 11 विधेयकों पर चर्चा और पारण प्रस्तावित हैं।
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इनमें सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024, पुलिस संशोधन विधेयक-2024, पंचायती राज संशोधन विधेयक-2024 और प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024 (लैंड सीलिंग) प्रमुख हैं।
लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन
लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास के अनुरोध पर सरकार इस संशोधन को पेश कर रही है।
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इस विधेयक के पारित होने के बाद, धार्मिक और चैरिटी संगठनों को 30 एकड़ भूमि या भूमि पर बने ढांचे को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाएगी। यह संशोधन विशेष रूप से भोटा स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास अस्पताल की भूमि को जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को स्थानांतरित करने के लिए लाया गया है।
कर्मचारियों को बेकडेट से वरिष्ठता नहीं मिलेगी
सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024 के पारित होने के बाद, अनुबंध सेवाकाल को वरिष्ठता और वित्तीय लाभ के रूप में नहीं गिना जाएगा।
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यह प्रावधान 2003 से लागू होगा। इसका उद्देश्य राज्य पर वित्तीय बोझ को कम करना है, क्योंकि कोर्ट के आदेशों के कारण कर्मचारियों को बेकडेट से लाभ देना पड़ रहा था।
पुलिस संशोधन विधेयक
पुलिस संशोधन विधेयक-2024 के तहत, पुलिस कांस्टेबल का कैडर जिला से स्टेट कैडर में बदला जाएगा। इससे अब कांस्टेबल की ट्रांसफर दूसरे जिलों में भी की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त, उनकी भर्ती प्रक्रिया पुलिस बोर्ड के माध्यम से होगी। इन विधेयकों पर चर्चा और पारण से प्रदेश में प्रशासनिक और नीतिगत सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की उम्मीद है।