शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रविवार को मचे संजौली मस्जिद विवाद पर कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा का बयान सामने आया है। विधायक हरीश जनारथा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह विवाद दो गुट्टों के आपसी झगड़े के कारण पैदा हुआ है। इस मामले को हिन्दू व मुस्लिम समुदाय का रूप दिया जाना बिल्कुल गलत है।
धर्म के साथ जोड़ा जा रहा मामला
शिमला शहरी से विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि जिस झगड़े के कारण ये विवाद पनपा है वह झगड़ा मल्याणा में हुआ था। लेकिन वहां के पार्षद सहित सिमेट्री व भट्टाकुफर के पार्षद ने मिलकर इस झगड़े को संजौली में पहुंचा दिया। अब इस पूरे मामले को धर्म के साथ जोड़ा जा रहा है जो कि बिल्कुल गलत है।
शिमला शहर की शांति को भंग न करें
विधायक ने आगे कहा कि शिमला एक शांति प्रिय स्थान है, राजनीति के लिए इसकी शांति को भंग ना करें। विधायक ने कहा कि मामले का पता चलते ही पुलिस को इस झगड़े में FIR दर्ज करने के पहले ही निर्देश दे दिए थे।
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लेकिन इसके बावजूद इस मामले को संजौली की मस्जिद तक पहुंचा दिया गया है। वहीं, विधायक ने कहा कि इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के भी कुछ पार्षद यहां पर मौजूद थे। विधायक ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि इस मामले में राजनीति ना करें।
1950 में बनी है मस्जिद
हरीश जनारथा ने आगे कहा कि जिस अवैध मस्जिद की बात की जा रही है, वह 1950 से पहले की है। अवैध निर्माण पर विधायक ने कहा कि इसका मामला कोर्ट में चल रहा है और उसकी सुनवाई शनिवार को है। वक्फ बोर्ड इस केस को लड़ रहा है। यह मामला 2009 से यह मामला चल रहा है। इस मामले में किसी धर्म समुदाय पर बोलना उचित नहीं है।
संजौली में हंगामा करने वाले बाहरी इलाकों के
वहीं, विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि पिछले कल हुए हंगामे में ज्यादातर लोग भट्टाकुफ़्फ़र व मल्याणा क्षेत्र के थे। वहीं इस मस्जिद को अवैध बताया जा रहा था। पार्षदों के बोलने से मस्जिद वैध या अवैध नहीं हो जाती। विधायक ने कहा कि यह मामला कोर्ट में है और इस पर निर्णय भी वहीं होगा।
क्या है मस्जिद मामला
शिमला के उपनगर संजौली में सैंकड़ों हिंदू संगठन से जुड़े और स्थानीय लोगों ने पिछले कल निर्माणाधीन अवैध मस्जिद का घेराव कर दिया।
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यह लोग संजौली बाजार से रैली निकालते हुए अवैध मस्जिद के बाद पहुंचे और यहां प्रदर्शन किया और वहीं पर बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद को अवैध बताते हुए उसे तोड़ने की मांग उठाई।
प्रदर्शनकारियों ने क्या उठाई मांग
लोगों ने आरोप लगाया कि, यहां पर एक मंजिला भवन की अनुमति थी, लेकिन विशेष समुदाय के लोगों ने यहां बिना प्रशासन की मंजूरी के अवैध तरीके से तीन मंजिला मस्जिद बना दी है। जिसके चलते प्रदर्शनकारी इस अवैध रूप से बनी मस्जिद को तोड़ने की मांग पर अड़े रहे। लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल को बुलाना पड़ा।
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क्यों भड़का मामला
दरअसल, मस्जिद के अवैध निर्माण तुड़वाने के मामले ने इसलिए भी तूल पकड़ा, क्योंकि शुक्रवार शाम मल्याणा में हिंदू और मुसलमान समुदाय के कुछ लोगों के बीच लड़ाई हुई। आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक स्थानीय दुकानदार यशपाल सिंह को मारा और उसके सिर पर 14 टांके लगे।
स्थानीय लोगों की मांग है कि आरोपी पर अटेम्प्ट टू मर्डर की धारा के तहत मामला चलना चाहिए। वहीं डीसी और एसपी ने इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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