शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकार और कर्मचारियों के बीच चल रहे विवाद का समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है। पहले 15 अगस्त को देहरा में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में कर्मचारियों के DA और संशोधित एरियर के भुगतान की घोषणा न होने से कर्मचारियों में असंतोष था।
नाराज हैं सचिवालय के कर्मचारी
इसके बाद सुक्खू सरकार में एक कैबिनेट मंत्री द्वारा कर्मचारियों पर की गई टिप्पणी ने मामले को और भड़का दिया। अब, हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय द्वारा प्रिविलेज मोशन लाने से सचिवालय के कर्मचारी नाराज हैं।
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प्रिविलेज मोशन के खिलाफ खोला मोर्चा
कर्मचारियों ने विधानसभा सत्र के दौरान जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था, लेकिन हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ ने अब विधानसभा सचिवालय द्वारा कर्मचारियों के खिलाफ लाए गए प्रिविलेज मोशन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके चलते कर्मचारियों ने 17 सितंबर को गेट मीटिंग आयोजित करने की घोषणा की है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा दिए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर कार्रवाई की गई। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के पास धर्माणी की शिकायत के बाद सचिवालय प्रशासन के सचिव को एक पत्र भेजा गया, जिसमें जांच की मांग की गई है। इस रिपोर्ट को विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा जाएगा, जो इस मामले पर अंतिम निर्णय लेंगे।
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क्यों लाया गया है ये मोशन?
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा का कहना है, "यह प्रदेश के इतिहास में पहली बार है कि कर्मचारियों के खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया गया है, जबकि हमने विधानसभा सत्र में ईमानदारी से कार्य किया है। यह मोशन क्यों लाया गया है, यह समझ से परे है, लेकिन हम इससे डरने वाले नहीं हैं। हमने किसी तरह का व्यवधान नहीं डाला है, फिर भी यह कदम उठाया गया है।"
ज्लद तय की जाएगी रणनीति
कर्मचारियों और सरकार के बीच DA और संशोधित वेतनमान के एरियर के भुगतान को लेकर विवाद जारी है, और सरकार सख्ती बरत रही है। दूसरी ओर, कर्मचारी भी मोर्चा खोलने के लिए तैयार हैं। महासंघ के अनुसार, 17 सितंबर को गेट मीटिंग आयोजित की जाएगी, जिसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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हम सरकार के परिवार का हिस्सा हैं
सचिवालय में मीडिया से बातचीत करते हुए संजीव शर्मा ने कहा, "पहले भी प्रदर्शन हुए हैं, और पुतले तक फूंके गए हैं, लेकिन कभी किसी मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के खिलाफ प्रिविलेज मोशन नहीं लाया। इस सरकार का गठन कर्मचारियों के सहयोग से हुआ है और हम सरकार के परिवार का हिस्सा हैं। अगर सरकार वार्ता करना चाहती है, तो हम इसके लिए तैयार हैं, लेकिन अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है।"