शिमला। हिमाचल प्रदेश में डीए और एरियर की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे कर्मचारियों को सुक्खू सरकार के एक मंत्री ने दो टूक जवाब के साथ साथ नसीहत भी दे डाली है। मंत्री के इस बयान के बाद अब कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचने के आसार हैं। सुक्खू सरकार के यह मंत्री कोई और नहीं बल्कि राजेश धर्माणी हैं।
सचिवालय के बाहर किया था प्रदर्शन
बता दें कि लंबित डीए और एरियर की मांग को लेकर हिमाचल में कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीते रोज बुधवार को कर्मचारियों ने छोटा शिमला में सचिवालय के बाहर सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था। कर्मचारियों का कहना था कि सीएम और मंत्री अपने आवासांे पर फिजूलखर्ची कर रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों को डीए और एरियर नहीं दिया जा रहा है।
सुक्खू के मंत्री ने दिया बड़ा बयान
कर्मचारियों की इस मांग पर अब सुक्खू के कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने बड़ा बयान दे दिया है। मंत्री ने कहा है कि कर्मचारियों को वर्तमान में जो लाभ मिल रहे हैं अगर वह चाहते हैं कि उन्हें यह लाभ मिलते रहें तो उन्हें सरकार के साथ खड़ा होना पड़ेगा। राजेश धर्माणी ने कहा कि सरकार के पास सीमित विकल्प हैं। अगर कर्मचारी सरकार का साथ नहीं देते हैं तो आने वाले समय में उनको मिलने वाले लाभों में भी कटौती हो सकती ै। मंत्री जी ने कहा है कि हमारे पास जितना पैसा आएगा, हम उतना ही पैसा खर्च कर सकते हैं, हमे नोट छापने की आजादी नहीं है।
मंत्री के बयान से भड़क सकते हैं कर्मचारी
राजेश धर्माणी का यह बयान अब कर्मचारियों को और भड़का सकता है। क्योंकि धर्माणी ने कहा है कि कर्मचारी नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं। सरकार संसाधनों को बढ़ाने पर काम कर रही है। ऐसे में जो जिम्मेदारी सरकार की है, वहीं जिम्मेदारी प्रदेश के कर्मचारियों की भी है। ऐसे में कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारी की तरफ ध्यान देना चाहिए।
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मंत्री जी बोले हमे हर वर्ग को देखना है
मंत्री जी का कहना था कि सरकार की जिम्मेवारी उन परिवारों के प्रति भी है जिन परिवारों के घरों से कोई सरकारी नौकरी नहीं करता। उन लोगों को ना तो कोई डीए मिलता है और ना ही अन्य लाभ। ऐसे में हमें उनके प्रति भी अपनी वचनबद्धता निभानी है। सरकार एक वर्ग के लिए काम नहीं करती। सरकार पूरे समाज के लिए काम करती है।
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आज तक का दिया था अल्टीमेटम
बता दें कि लंबित डीए और एरियर की मांग को लेकर कर्मचारियों ने बुधवार को सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसंघ ने जनरल हाउस कर पेंडिंग डीए और लंबित पड़े छठे वेतनमान को लेकर सरकार को गुरुवार तक का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन सरकार की तरफ से इन कर्मचारी संघ को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया। ऐसे में अब यह कर्मचारी कल नई रणनीति बनाएंगे।
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कर्मचारियों ने कैजुअल लीव पर जाने की दी है धमकी
सरकार अगर इसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाती है तो फिर से आम सभा होगी। उसके बाद भी समाधान न होने पर कर्मचारी कैजुअल लीव पर जाएंगे। जिससे मंत्रियों और मुख्यमंत्री को सचिवालय में पानी पिलाने वाला भी कोई भी कर्मचारी नहीं मिलेगा। सचिवालय में सारी सेवाएं ठप कर दी जाएंगी।
कर्मचारी प्रदेश सरकार से अपना हक मांग रहे हैं कोई खैरात नहीं मांग रहे। राज्य पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष आत्मा राम शर्मा ने कहा कि पिछली सरकार ने एरियर के नाम पर 50 हजार रुपये दिए हैं और इस सरकार ने फूटी.कौड़ी भी नहीं दी है।