शिमला। हिमाचल प्रदेश में लंबित डीए और एरियर की मांग कर रहे कर्मचारी वर्ग को लेकर सीएम सुक्खू के कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। जिसके बाद मंत्री राजेश धर्माणी कर्मचारियों के निशाने पर आ गए थे। अपने प्रति कर्मचारियों के बढ़ते रोष को देखते हुए अब मंत्री राजेश धर्माणी ने पलटी मार ली है। उन्होंने सारा आरोप मीडिया और कुछ नेताओं पर लगा दिया है।
राजेश धर्माणी ने दिया था विवादित बयान
दरअसल लंबित डीए और एरियर की मांग कर रहे कर्मचारियों को मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा था कि सरकार के पास सीमित साधन हैं। सरकार के पास कोई नोट छापने की मशीन नहीं है। राजेश धर्माणी ने तो यहां तक कह दिया था कि कर्मचारियांे को जो मिल रहा है वह आगे भी मिलता रहे तो इसके लिए उन्हें सरकार के साथ खड़ा रहना पड़ेगा। कैबिनेट मंत्री के इसी बयान पर हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ बिफर गया।
संजीव शर्मा ने दे दी बड़ी चुनौती
कर्मचारी वर्ग ने तो मंत्री राजेश धर्माणी तो अपने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ आजाद चुनाव लड़ने तक की चुनौती दे दी थी। हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा था कि राजेश धर्माणी बिलासपुर से बाहर कहीं भी निर्दलीय प्रत्याश्ी के रूप् में चुनाव लड़ें, उनके खिलाफ किसी भी कर्मचारी साथी को खड़ा किया जाएगा और अगर कर्मचारी उनसे चुनाव हार गया तो वह संजीव शर्मा उनके जूते में पानी पियेगा।
सीएम सुक्खू ने मजबूरी में मंत्री बनाए धर्माणी
संजीव शर्मा ने तो यहां तक कह दिया था कि राजेश धर्माणी मंत्री बनने के लायक ही नहीं थे। जिसके चलते ही वीरभद्र ने 2012 में उन्हें मंत्री नहीं बनाया था। यह तो सीएम सुक्खू की कोई मजबूरी रही होगी, जिसके चलते राजेश धर्माणी को मंत्री पद देना पड़ा, अन्यथा वह इस पद के लायक ही नहीं है।
अपने बयान से पलट गए राजेश धर्माणी
कर्मचारी वर्ग के अपने खिलाफ बढ़ते आक्रोश को देखते हुए अब सीएम सुक्खू के कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने पलटी मार ली है। राजेश धर्माणी ने कहा है कि जो कुछ बताया जा रहा है, उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था। उनके बयान को मीडिया और कुछ नेताओं ने तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। अपना पक्ष रखते हुए राजेश धर्माणी ने कहा कि हम तो सरकार की तरफ से कर्मचारियों से मात्र छह माह का समय मांग रहे थे। छह माह का समय मांगना कोई गलती तो नहीं है।
मंत्री जी बोले क्या कर्मचारी वेतन भत्ते में कटौती को तैयार
राजेश धर्माणी ने कहा कि मैं अपनी तरफ से बताना चाहता हूं कि हमे जितने भी भत्ते मिलते हैं या वेतन मिलता है, हम इसमें 50 फीसदी की कटौती करने केा सहमत हैं। क्या कर्मचारी वर्ग भी इसके लिए तैयार है।
मैं भी कर्मचारियों के साथ हड़ताल पर बैठूंगा
अपने तीखे सुरों में राजेश धर्माणी ने एक बार फिर कहा है कि महज भाषण देने से या धरने देने से समस्या का हल नहीं निकलेगा। अगर इससे कर्मचारियों की समस्याओं का हल होता है तो हम भी उनकी हड़ताल में शामिल हो जाते हैं।
वार्ता के लिए बुलाए सरकार
महासंघ का कहना है कि सरकार से बातचीत के लिए तैयार है लेकिन अभी तक उन्हें बातचीत के लिए नहीं बुलाया गया है। महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि 26 अगस्त तक उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया तो 27 अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र में सभी कर्मी काले बिल्ले लगाकर ही काम करेंगे।
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मंत्री की बयानबाजी से नाराज
तकनीकी शिक्षा और TCP मंत्री राजेश धर्माणी के बयान पर एतराज जताते हुए कर्मचारियों का कहना है कि सोमवार तक मंत्री हमसे माफी मांगे। नहीं तो उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाएगा।
पिछले कल क्या हुआ
दरअसल, 21 अगस्त को कर्मचारियों द्वारा आम सभा सचिवालय में बुलाई गई। एरियर और डीए ना मिलने के कारण नाराज चल रहे कर्मचारियों ने सरकार पर जमकर हमला बोला। लेकिन सरकार ने उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाया. जिसके बाद कल यानि 23 अगस्त को कर्मचारियों ने एक बार फिर काम रोकर आम सभा बुलाई। जिसमें सरकार के मंत्रियों से लेकर आला अधिकारियों पर जमकर प्रहार किए गए।
क्या बोले महासंघ के पदाधिकारी
महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कांग्रेस सरकार में कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संजीव शर्मा ने कहा कि 21 अगस्त को हुई गेट मीटिंग के बाद कर्मचारियों को आस थी कि सरकार बातचीत के लिए उन्हें बुलाएगी, लेकिन ना तो सरकार की ओर से टेबल टॉक का न्योता आया ना ही मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू उनसे मिलने आएं।
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हम आपके नौकर हैं क्या?
प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सरकार के मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार में बैठे मंत्री ही सरकार गिराने की कोशिश कर रहें हैं। राजेश धर्माणी द्वारा पिछले कल कर्मचारियों के खिलाफ दिए गए बयान पर संजीव शर्मा ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि- “आप ठेकेदार है क्या या हम आपके नौकर है। तुम्हारा दिल करेगा तो सैलरी काट देंगे और दिल करेगा तो सैलरी बढ़ा दी जाएगी।” कर्मचारी नेता ने कहा कि- “धीरे-धीरे सरकार के मंत्रियों की पोल खुलती नजर आ रही है प्रदेश की जनता के लिए पैसा नहीं है लेकिन अपने खर्चों के लिए पैसा है।”
आपदा का करोड़ों रुपए लैप्स
सरकार पर आरोप लगाते हुए संजीव शर्मा ने कहा कि- “आपदा के समय आए पैसे में से 114 करोड़ रूपए को लैप्स कर दिया गया। बचाव-राहत कार्य में जो पैसा जनता को दिया जाना था अधिकारियों की नालायकी के कारण वह पैसा लैप्स हो गया।”
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बातचीत के लिए महासंघ तैयार
वहीं, संजीव शर्मा ने आगे कहा कि- “हम चाहते है कि सरकार से बातचीत कर समस्या का हल निकाल लिया जाए। डीए और एरियर तो हम लेकर ही रहेंगे। ये हमारा हक है, हम खैरात नहीं मांग रहें है।”
हालांकि इस पूरे मामले ने CM सुक्खू की चिंता को बढ़ा दिया है। कर्मचारी अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं है। वहीं, सरकार द्वारा कर्मियों को दी जा रही नसीहत भी कर्मचारी लेने को तैयार नहीं है।