शिमला। हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने प्रदेश में गिर रहे शिक्षा के स्तर पर चिंता जताई है। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक राकेश जम्वाल के सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि आठवीं कक्षा का छात्र दूसरी कक्षा का सिलेबस तक नहीं पढ़ पा रहा है।
एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। जो प्रदेश के लिए चिंताजनक है। दरअसल, मानसून सेशन में जीरो इनरोलमेंट और कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने से जुड़ा सवाल पूछा गया था।
शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा
शिक्षा मंत्री रोहित ने कहा कि 20 साल पहले हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देश भर में तीसरे नंबर पर था। 2021 के नेशनल अचीवमेंट सर्वे में रैंक 18वें नंबर पर पहुंच गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि परिजनों का मोह प्राइवेट स्कूलों की ओर अधिक बढ़ रहा है।
ऐसा ही चलता रहा तो बंद हो जाएंगे सरकारी स्कूल
आंकड़ों पर नजर दौड़ाते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2003 में पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 5.90 लाख थी, अब ये संख्या 2.99 तक सीमित रह चुकी है। वहीं, मिडल और सीनियर सेकेंडरी स्कूल की तो हालत ही खस्ता है।
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जहां मिडल में पहले दाखिले 3.81 लाख थे, अब वहां की संख्या 2.05 लाख हो गई और इसी प्रकार नौवीं से बारहवीं कक्षा के स्कूलों में 2.84 लाख दाखिले थे जो अब 1.36 लाख रह चुके है। शिक्षा मंत्री ने कहा की यदि ये क्रम यूं ही चलता रहा तो जल्द ही कई सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे।
व्यवस्था को मजबूत करना जरूरी
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में एक समय ऐसा था जब जीवन कठिन था उस समय शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार करने की जरूरत थी, अब समय कुछ और मांग कर रहा है। ऐसे में अब व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है।
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि 20 साल में प्राइमरी की छात्र संख्या आधी रह गई है। अब समय शिक्षा व्यवस्था और इसके ढांचे को मजबूत करने का है, ताकि एक बार फिर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाए।
प्राइवेट स्कूलों की ओर अभिभावकों का मोह
रोहित ठाकुर ने आगे कहा कि सरकारी स्कूलों से अभिभावकों का मोह भंग होता देखा जा रहा है। बच्चों को अभिभावक प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना उचित समझ रहे हैं। पिछली सरकार ने चुनाव के समय 400 नए संस्थान खोले थे, लेकिन व्यवस्था की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे में वर्तमान सरकार को कठोर कदम उठाने पढ़े हैं।