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September 30, 2024

कार पार्किंग पर सियासत: इस बेशर्म प्राणी को देखिए- मंत्री को सुनाई खरी-खोटी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज व ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह एक बार फिर विवाद का केंद्र बने हैं। इस बार कारण है उनकी गाड़ी और उनके काफिले की अन्य दो गाड़ियाँ, जो रिज मैदान पर पार्क की गईं। बता दें कि कोर्ट ने रिज मैदान पर पार्किंग को प्रतिबंधित कर दिया था। इस पर पूर्व महापौर टिकेंद्र पंवार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिससे मामला और तूल पकड़ रहा है।

रिज मैदान का मामला

बता दें कि मामला शिमला के रिज मैदान से सामने आया है। हाल ही में हिमाचल पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए 11वीं हाफ मैराथन का आयोजन किया गया। इसी कार्यक्रम के दौरान मंत्री अनिरुद्ध सिंह और उनके काफिले की गाड़ियाँ पार्क की गईं। यह भी पढ़ें: 15 महीने में 3 करोड़ का लेनदेन- शशि महात्मा से पुलिस ने उगलवाए कई राज

पूर्व महापौर की प्रतिक्रिया

पूर्व महापौर टिकेंद्र पंवार ने सोशल मीडिया पर मंत्री की गाड़ी की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "इस बेशर्म प्राणी को देखिए, शायद एक मंत्री ने रिज वाटर टैंक पर अपनी गाड़ी पार्क कर दी, जबकि कोर्ट ने यहां किसी भी गतिविधि पर रोक लगाने के लिए बार-बार आदेश दिए हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि यहां तक कि मुख्यमंत्री के वाहन भी इस स्थान पर पार्क नहीं किए जाते हैं। पूर्व महापौर ने लोगों से अपील की कि ऐसे मंत्रियों को शर्मिंदा करना चाहिए जो नियमों का उल्लंघन करते हैं।

नियमों का उल्लंघन

इस घटना ने एक बार फिर नियमों की अनदेखी की ओर इशारा किया है। शिमला में मॉल रोड और रिज मैदान पर गाड़ियों का पार्क करना वर्जित है। इसके बावजूद, कई बार प्रशासन के अधिकारी और मंत्री अपनी गाड़ियों को यहां पार्क करते हैं। इससे पहले भी विधायक कैप्टन रणजीत सिंह राणा की गाड़ी को रिज मैदान पर पार्क करने पर 1500 रुपए का चालान किया गया था। यह भी पढ़ें: हिमाचल: 50 साल बाद चूड़धार में होगा शांद महायज्ञ, 5 क्विंटल फूल से सजेगा मंदिर

ASP की अनभिज्ञता

वहीं, इस मामले में ASP शिमला, नवदीप ने कहा कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है। उनका बयान इस बात को दर्शाता है कि प्रशासनिक स्तर पर नियमों का पालन करने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह की ओर से भी अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे मामला और पेचीदा हो गया है। यह भी पढ़ें: मंत्री अनिरुद्ध जयराम ठाकुर पर बरसे- “घर में बेले बैठे कोई काम नहीं है”…

लोगों की नाराजगी

स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के बीच इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि जब आम नागरिकों पर नियमों का पालन करना अनिवार्य है, तो मंत्रियों और अधिकारियों को विशेष छूट क्यों दी जा रही है? यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और नियमों के प्रति उदासीनता को उजागर करता है। बता दें कि हाल ही में मस्जिद मामले को लेकर मंत्री अनिरुद्ध सिंह चर्चा में आए थे। जिसके बाद एक बार फिर नया बवाल उनके नाम हो गया है।

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