शिमला। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 12 साल बाद महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने देशभर के बड़े नेताओं को आमंत्रित किया है। इसी कड़ी में, उत्तर प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री धर्मपाल सिंह और खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव शिमला पहुंचे और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान दोनों मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से महाकुंभ प्रयागराज-2025 में शामिल होने का निमंत्रण दिया।
13 जनवरी से शुरू होगा महाकुंभ
हिंदू धर्म में महाकुंभ का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। अगले साल, 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला पूरी दुनिया से श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा। महाकुंभ में संगम के पवित्र जल में स्नान करना पुण्य की प्राप्ति का सबसे बड़ा साधन माना जाता है।
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यह आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है और इसमें लाखों श्रद्धालु, साधु-संत और नागा साधु शामिल होते हैं। महाकुंभ का आयोजन भारत के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ 2025 की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था, ठहरने की जगहों और खाने-पीने की सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है।
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महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में श्रद्धालुओं के लिए होटल, लॉज, धर्मशाला, पेइंग गेस्ट हाउस और टेंट कॉलोनियों में विभिन्न श्रेणियों की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए कुछ स्थानों की बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है।
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पौराणिक कथा और महाकुंभ का आयोजन
पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन में जब अमृत की बूंदें राक्षसों और देवताओं के बीच संघर्ष के दौरान गिरी थीं, तब वे चार स्थानों पर गिरीं – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। इन्हीं स्थानों पर हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।