मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद कंगना रनौत को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।बता दें कि कंगना ने एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत को 1947 में मिली आजादी संघर्ष नहीं, बल्कि भीख में मिली थी। इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई है, बल्कि कंगना की दिक्कतों को भी बढ़ा दिया।
आजादी पर विवादास्पद नजरिया
कंगना ने दावा किया था कि भारत की स्वतंत्रता के लिए किसी भी तरह का संघर्ष नहीं किया गया, बल्कि यह एक संधि के तहत प्राप्त हुई थी। उनका कहना है कि लॉर्ड माउंटबेटन बिना लड़े भारत को छोड़कर चले गए। कंगना का यह बयान देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और बलिदान दिया।
यह भी पढ़ें : अनुराग ठाकुर का आरोप- सुक्खू सरकार ने 18 महीनों में लिया 27 हजार करोड़ का कर्ज
बयान पर याचिका दायर
कंगना के बयान पर एडवोकेट अमित कुमार साहू ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने इसे आपत्तिजनक बताते हुए कहा है कि भारत की आजादी के लिए लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कंगना को रजिस्टर्ड नोटिस भेजा है, जिसमें उनसे यह पूछा गया है कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में ड्रोन से जासूसी कर रहा चीन? मंत्री ने किया बड़ा खुलासा- लोगों में हड़कंप
इमरजेंसी फिल्म को लेकर चल रही अन्य विवाद
यह मामला कंगना के लिए नई चुनौतियाँ लेकर आया है। वहीं, बताते चले कि कंगना की फिल्म "इमरजेंसी" पर पहले से ही विवाद चल रहा है। सिख समुदाय ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है। इन सब के कारण कंगना का राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण विवादों के घेरे में है। वहीं, दूसरी ओर कंगना के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसके बाद एक बार फिर कंगना विवादों में घिर गई है।