शिमला/हरियाणा। हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र की भाजपा सांसद ने बीजेपी नेताओं की टेंशन को बढ़ा दिया है। कंगना आए दिन विवादित बयान दे रही है। जिसका जवाब भाजपा के बड़े नेताओं के पास भी नहीं है। अब एक ऐसा ही बयान कंगना ने बीते रोज मंडी जिले के ख्योड़ में जिला स्तरीय नलवाड़ मेले के समापन समारोह में दिया है।
कृषि कानून पर दिया कंगना ने विवादित बयान
कंगना रनौत ने अपने बयान में तीन कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की मांग की है। कंगना ने कहा कि कृषि कानून वापस लाने चाहिए। कंगना का यह बयान उस समय आया है, जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। कंगना के इस बयान को कांग्रेस नेताओं ने अपना हथियार बना लिया है। हरियाणा कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर लिखा है कि कांग्रेस किसानों के साथ है। इन काले कानून की वापसी अब कभी नहीं होगी।
कंगना के बयान से हरियाणा की सियासत गरमाई
कंगना का यह बयान विवाद पैदा कर सकता है और हरियाणा के लाखों किसानों को भाजपा का विरोधी बना सकता है। इसका बड़ा कारण है कि जिन तीन कृषि कानूनों के बारे में कंगना ने बयान दिया है, उन्हें किसानों के आंदोलन के चलते मोदी सरकार को 14 महीने के बाद वापस लेना पड़ा था।
यह भी पढ़ें: हिमाचल की बेटी को केंद्र में मिली बड़ी जिम्मेदारी, पहले अटेंप्ट में पास किया UPSC एग्जाम
कंगना के बयान से भाजपा नेता भड़के
वहीं भाजपा नेता भी कंगना के इस बयान से भड़क गए हैं। कंगना के इस बयान पर भाजपा के सीनियर नेता हरजीत ग्रेवाल ने कहा है कि कंगना को पंजाब, किसान और सिखों के बारे में बोलना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा वह इस बारे में पार्टी हाइकमान से भी बात करेंगे। वहीं पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर का कहना है कि भाजपा को कंगना को पार्टी से निकाल देना चाहिए।
यह भी पढ़ें : प्रतिभा सिंह की बैठक में नहीं पहुंचे CM सुक्खू और उनके 7 सिपाही, CPS/MLA भी गायब
कंगना ने क्या दिया था बयान
मंडी जिला में बीते रोज कंगना ने कहा था कि किसानों के जो लॉ हैं, और जिन्हें रोक दिया गया था, उन्हें वापस लाना चाहिए। किसानों के हितकारी लॉ वापस आने चाहिए। किसानों को आगे आकर खुद इन कृषि कानूनों की डिमांड करनी चाहिए। कंगना ने कहा कि हमारे देश का स्तंभ माने जाने वाले किसान खुद अपील करें कि हमारे तीन कानून को दोबारा लागू किया जाए।
यह भी पढ़ें : संजौली कॉलेज में बवाल: छात्रों के निष्कासन से तनाव, परिसर बना पुलिस छावनी
कंगना पहले भी दे चुकी है विवादित बयान
- बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कंगना ने विवादित बयान दिया हो। इससे पहले भी कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन में उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। किसान आंदोलन में रेप हो रहे थे और हत्याएं हो रही हैं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो उपद्रवी देश को बांग्लादेश बना देते।
- वहीं उससे पहले कंगना ने 27 नवंबर 2020 को रात का एक फोटो पोस्ट कर लिखा था कि किसान आंदोलन में शामिल हुई यह महिला मशहूर बिलकिस दादी है। जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 100 रुपए लेकन उपलब्ध हो रही है। हालांकि बाद में कंगना ने अपनी पोस्ट को डिलीट कर दिया था। कंगना की इस पोस्ट के चलते ही उन्हें चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की महिला कांस्टेबल ने थप्पड़ मार दिया था।
यह भी पढ़ें : कंगना ने राहुल-प्रियंका पर दिया विवादित बयान: बोली-कांग्रेस को बच्चे पालने का शौक
कृषि कानून के बारे में जाने
- केंद्र की मोदी सरकार 5 जून 2020 को एक अध्यादेश के माध्यम से तीन कृषि कानून लेकर आई थी।
- सितंबर 2020 को केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में फार्म बिल 2020 लेकर आई।
- दोनों सदनों से यह बिल पास पास हो गए, पर किसानों ने इस बिल का विरोध किया।
यह भी पढ़ें: हिमाचल : निजी बस संचालक की दादागिरी, बीच सड़क में अध्यापिकाओं से की बदतमीजी
किस बात से परेशान थे किसान
- किसानों को लगता था कि इस बिल से मंडिया खत्म हो जाएंगी।
- सताने लगता है कि नए बिल से मंडियां खत्म हो जाएंगी।
- एफएसपी को खत्म कर दिया जाएगा।
- उनकी फसल की कीमतें बड़ी कंपनियां तय करेंगी।
- अपने डर को लेकर ही किसानों ने सड़कों पर उतरने का फैसला किया था।
- पंजाब के किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए, पर सरकार ने उन्हें वहां से हटा दिया।
- 25 नवंबर को पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली चलो आंदोलन का ऐलान किया।
- पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी यूपी सहित कई शहरों में किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया।
- सरकार और किसानों के बीच 11 बार बातचीत हुई जिसका कोई नतीजा नहीं निकला
- भारतीय किसान यूनियन सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा।
- कोर्ट ने 18 महीने के लिए तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी।
- सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों को रिव्यू करने के लिए एक कमेटी बनाईए पर किसान नहीं माने।
- केंद्र की मोदी सरकार ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानून वापस ले लिए।