#राजनीति
June 7, 2025
हिमाचल BJP में नेतृत्व परिवर्तन की आहट, नड्डा के एक माह में दूसरे दौरे से गरमाई सियासत
राष्ट्रीय मंथन शिविर के लिए हिमाचल आ रहे जेपी नड्डा
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धर्मशाला। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा एक बार फिर हिमाचल दौरे पर आ रहे हैं। एक माह के अंदर ही जेपी नड्डा के हिमाचल में दूसरे दौरे ने राजनीतिक गलियारों में गरमाहट ला दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता जगत प्रकाश नड्डा 25 से 28 जून तक धर्मशाला में प्रवास पर रहेंगे। आधिकारिक तौर पर तो यह यात्रा नेशनल हेल्थ मिशन के तहत 26 और 27 जून को होने वाले राष्ट्रीय मंथन शिविर से जुड़ी है, लेकिन असल कहानी इससे कहीं आगे जाती है।
धर्मशाला के एक निजी होटल में आयोजित हो रहे इस उच्च स्तरीय सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब, जम्मू.कश्मीर, लद्दाख, चंडीगढ़ और हिमाचल समेत उत्तरी भारत के सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री, सचिव और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। केंद्र सरकार इसे एक नीतिगत मंथन कह रही है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे सियासी समीकरणों के मंथन से जोड़ रहे हैं।
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नड्डा का यह हिमाचल दौरा महज़ स्वास्थ्य एजेंडे तक सीमित नहीं है। खास बात यह है कि यह उनका एक महीने में दूसरा हिमाचल दौरा है, जो आने वाले समय में राज्य में भाजपा की रणनीतिक सक्रियता की झलक देता है। इससे पहले वह तीन जून को हिमाचल के सोलन जिला में आए थे। यहां तिरंगा यात्रा में हिस्सा लेने के बाद उन्हांेने कोर ग्रुप की बैठक की थी।
भाजपा के प्रदेश संगठन को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है कि हाईकमान यहां बदलाव की तैयारी में है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल की कार्यशैली को लेकर पार्टी के भीतर ही असंतोष की आवाज़ें उठती रही हैं। कुछ विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने संगठन की निर्णय क्षमता पर सवाल भी उठाए हैं। ऐसे में नड्डा का बार.बार प्रदेश आना महज संयोग नहीं माना जा रहा।
जानकारों की मानें तो धर्मशाला मंथन शिविर के इतर नड्डा का असली एजेंडा राज्य इकाई का हाल जानना, जमीनी स्तर पर नेताओं और कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलना और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए संगठनात्मक तैयारियों की समीक्षा करना है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर नए चेहरे को लाने की चर्चाएं इसी दौरे में निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकती हैं।
वर्तमान में हिमाचल में सत्तारूढ़ कांग्रेस को लेकर अंदरूनी कलह और सरकार पर लगातार लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों ने भाजपा को आक्रामक राजनीतिक पिच तैयार करने का मौका दे दिया है। सुक्खू सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों में भाजपा भले ही फिलहाल खुले तौर पर कुछ न कहे, लेकिन नड्डा की यह यात्रा निश्चित रूप से संगठन को मजबूत और सक्रिय बनाने के मिशन का हिस्सा है।
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बता दें कि नड्डा फिलहाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हैं, लेकिन उनके बारे में अटकलें हैं कि 2024 लोकसभा चुनावों के बाद उनका राजनीतिक रोल एक बार फिर राष्ट्रीय भाजपा संगठन या केंद्रीय नेतृत्व में और बड़ा हो सकता है। ऐसे में हिमाचल जैसे उनके गृह राज्य की राजनीतिक ज़मीन को दुरुस्त करना उनके लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक दोनों ही स्तरों पर अहम है।