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December 21, 2024

सदन में बोले जयराम ठाकुर, सीएम सुक्खू आज भी कर रहे हैं वीरभद्र सिंह के विरोध में काम

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धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज अंतिम दिन की कार्यवाही सुबह 11:00 बजे प्रश्नकाल से शुरू हुई। आज विपक्ष ने सदन में कांग्रेस सरकार द्वारा बंद किए गए संस्थानों पर सवाल पूछा। वहीं नए खोले गए संस्थानों पर भी सवाल किए गए। जिसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोक हुई।

असंतुष्ट विपक्ष ने की नारेबाजी

सत्ता पक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर दिया। विपक्ष ने सीएम सुक्खू पर झूठ बोलने के आरोप लगाए। भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कांगड़ा सहकारी बैंक में लोन के वन टाइम सेटलमेंट का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या ऐसे लोगों को राहत दी जाएगी जिनके लोन के कारण कुर्की के आदेश जारी हो गए हैं। यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार ने दिया सरकारी कर्मचारियों को जोर का झटका- OPS के नियमों में बदलाव

वन टाइम सेटलमेंट की नीति लागू होगी

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जवाब दिया कि 10 लाख रुपए से अधिक के लोन के लिए भी वन टाइम सेटलमेंट की नीति लागू होगी। उन्होंने कहा कि गरीब और जरूरतमंद ऋणियों को राहत देने के लिए सरकार विचार कर रही है। यह नीति सहकारी बैंक के साथ.साथ राज्य कृषि सहकारी बैंक में भी लागू की जाएगी।

बंद कर दिए गए हैं 1865 संस्थान

नयनादेवी के भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सवाल किया कि 1865 संस्थान बंद कर दिए गए हैंए जिनमें से कई आवश्यक थे। मुख्यमंत्री ने इसके जवाब में कहा कि केवल जरूरत के आधार पर संस्थान खोले जाएंगे न कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए। यह भी पढ़ें : सरकार का कमाल! HRTC के 96 फीसदी रूट घाटे में- फिर भी समय पर मिल रहा वेतन उन्होंने पिछली सरकार पर आरोप लगाया कि बिना स्टाफ की नियुक्ति किए संस्थान खोल दिए गए थे। सुक्खू ने यह भी कहा कि 37 नए संस्थान आवश्यकता के आधार पर खोले गए हैं।

शपथ लेते ही सीएम ने बंद किए थे एक हजार संस्थान

सदन से बाहर आने के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शपथ ली थी। उसके बाद अभी कैबिनेट का गठन भी नहीं हुआ था, और उससे पहले ही सरकार ने एक हजार से ज्यादा पूर्व की सरकार में खोले गए संस्थानों को बंद कर दिया। कांग्रेस ने अब तक 1865 संस्थानों को बंद किया है। जब विधानसभा में सवाल पूछा गया तो उसका भी उत्तर सही नहीं दिया गया। जबकि नीड बेस्ट की बात कर उलझाने का काम किया गया। यह भी पढ़ें : राहुल गांधी पर बरसे अनुराग ठाकुर, बोले- अहंकार से भरे हैं, माफी के लायक भी नहीं

वीरभद्र के विरोध में चल रहे सीएम सुक्खू

जयराम ठाकुर ने कहा कि असल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज भी पूर्व सीएम स्व वीरभद्र सिंह के विरोध में चल रहे हैं। वीरभद्र सिंह कहते थे कि प्रदेश का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। अगर एक बच्चे के लिए भी स्कूल खोलना पड़े, तो वह स्कूल जरूर खोलेंगे। लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू आज भी वीरभद्र सिंह के विरोध में ही चल रहे हैं और वह स्कूल बंद कर रहे हैं।

रिश्तों को देखकर नहीं लिए जाते प्रशासनिक फैसले

सदन में मुख्यमंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा कि प्रशासनिक फैसले रिश्तों को देखकर नहीं बल्कि जरूरत को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिमाचल प्रदेश के हर क्षेत्र की जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी। विपक्षी विधायकों द्वारा संस्थानों की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति के बाद ही नए संस्थान खोले जाएंगे। हालांकिए सत्र के दौरान सदन में हंसी.मजाक का माहौल भी रहा जब विपक्षी विधायकों ने सरकार पर क्षेत्रीय भेदभाव के आरोप लगाए।

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