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October 10, 2024

जयराम का आरोप: सुक्खू सरकार ने ट्रामा सेंटर के नाम पर किया बड़ा घोटाला, जानें पूरा सच

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शिमला। हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी शिमला का ट्रामा सेंटर शुभारंभ के साथ ही विवादों में घिर गया है। जिस ट्रामा सेंटर का हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते रोज बुधवार को उद्घाटन किया, आज उसी ट्रामा सेंटर में एक बड़े घोटाले की बात सामने आई है। इस का खुलासा पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने किया है।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने लगाए घोटाले के आरोप

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। यह घोटाला आईजीएमसी के ट्रामा सेंटर में मैन पॉवर को लेकर हुआ है। जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से जो ट्रामा सेंटर चालू ही नहीं हुआ, उसमें 126 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। कांग्रेस सरकार ने अपने एक चहेते ठेकेदार के माध्यम से आउटसोर्स पर यह नियुक्ति की है।

क्या हैं जयराम के आरोप

  • सीएम सुक्खू ने पिछले साल 9 मार्च को किया था ट्रामा सेंटर का उद्घाटन
  • 9 मार्च 2023 से ही शुरू कर दी थी। ट्रामा सेंटर में कर्मचारियों की नियुक्ति
  • डेढ़ साल से बिना फंक्शनल ट्रामा सेंटर में तैनात थे 126 कर्मचारी
  • इन कर्मचारियों के वेतन पर सरकार ने खर्च कर दी 2.30 करोड़ की राशि
  • ठेकेदार के माध्यम से की थी आउटसोर्स पर कर्मचारियों की भर्ती
  • कर्मचारियों को नहीं मिला समय पर वेतन
  • कर्मचारियों ने सीएम सुक्खू से भी की थी शिकायत

बिना फंक्शनल डेढ़ साल पहले नियुक्त कर दिए कर्मचारी

यानी जो ट्रामा सेंटर अभी चालू ही नहीं हुआ और वहां पर मरीज ही नहीं आए, वह ट्रामा सेंटर कागजों में पिछले डेढ़ साल से चल रहा है और उसमें कई कर्मचारी भी काम कर रहे हैं। यह घोटाला सीएम सुक्खू की नाक के नीचे हुआ है। इस ट्रामा सेंटर में अलग अलग समय में सपोर्टिव और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति भी ठेकेदार के माध्यम से की गई थी।

मरीज एक भी नहीं कर्मचारियों पर खर्च कर दिए दो करोड़ से अधिक

जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम सुक्खू ने सभी कायदे कानून ताक पर रख दिए और एक बंद पड़े ट्रामा सेंटर में सैकड़ों कर्मचारी की नियुक्ति कर दी। यहां बिना एक भी मरीज का इलाज किए ट्रामा सेंटर के मैन पॉवर के नाम पर दो करोड़ तीस लाख का बिल सरकार पर लाद दिया। यह भी पढ़ें : न CM सुक्खू मिले, न प्रिविलेज मोशन हुआ वापस- एक बार फिर फूटेगा कर्मियों का गुस्सा जयराम ठाकुर ने बताया कि ट्रामा सेंटर में मैन पॉवर के लिए केंद्र सरकार पैसा देती है। ऐसे में कांग्रेस सरकार ने केंद्र के भेजे पैसों की सरेआम लूटखसोट की है। जयराम ठाकुर ने कहा कि जब से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी है, उनके नए नए कारनामें सामने आ रहे हैं। अब स्वास्थ्य विभाग में केंद्र के भेजे पैसों की बंदरबाट का बड़ा खुलासा हुआ है। यह भी पढ़ें : आर्थिक संकट के बीच सुक्खू सरकार दोगुना करेगी इन कर्मचारियों का वेतन, 200 पद भी भरेगी

पिछले साल 9 मार्च से नियुक्त किए कर्मचारी

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के सहयोग से बने ट्रामा सेंटर का उद्घाटन सीएम सुक्खू ने पिछले साल 9 मार्च को ही कर दिया था। ऐसे में पिछले साल 9 मार्च से ही इस ट्रामा सेंटर में कांग्रेस ने मैन पॉवर की भी नियुक्ति कर दी। सुक्खू सरकार ने यहां मैन पॉवर की भर्ती तो कर दी पर ट्रामा सेंटर को फंक्शनल करना भूल गई। यहां हर माह बिना इलाज के ठेकेदार का लाखों का बिल बनता रहा। यह भी पढ़ें : CM सुक्खू बोले- हरियाणा में दो सीटों पर प्रचार किया और दोनों जीते, जानें क्या है सच

डेढ़ साल में 2.30 करोड़ का किया घोटाला

धीरे धीरे यह राशि बढ़कर दो करोड़ 30 लाख हो गई। जिससे भुगतान के लिए अब ठेकेदारों ने जोर लगाना शुरू कर दिया है। बीते रोज जब सीएम सुक्खू ट्रामा सेंटर का उद्घाटन करने आए थ, तब भी ट्रामा सेंटर में तैनात कर्मचारियों ने उनसे मुलाकात की और वेतन न मिलने की शिकायत की। इसको लेकर कई बार प्रदर्शन भी किया जा चुका है। यह भी पढ़ें : विधायक खरीद-फरोख्त मामला: हेलीकॉप्टर कंपनी से शिमला में पूछताछ, खुले कई राज

126 कर्मचारियों को दी गई नियुक्ति

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बिना किसी मरीज के ट्रामा सेंटर में अलग अलग पदों पर भर्तियां निकाली और उन्हें आउटसोर्स के माध्यम से भरा। इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत हासिल किए गए दस्तावेजों से हुआ है। यह भी पढ़ें : देवभूमि हिमाचल में सुरक्षित नहीं महिलाएं, 8 माह में 60 म*र्डर… 210 की लूटी आवरू जिसमें पता चला है कि रेडियो ग्राफर, फार्मासिस्ट, वार्ड बॉय ट्रॉली मैन सफाई कर्मचारी के कुल 126 पदों पर अलग.अलग समय में नियुक्तियां हुई। जयराम ने हैरानी जतात हुए कहा कि जो ट्रॉमा सेंटर आज फंक्शनल हुआ है उसके लिए कई महीनों या साल भर पहले से ही कर्मचारियों की नियुक्ति का क्या औचित्य है।

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