#राजनीति
November 28, 2025
भारत–साइप्रस रिश्तों को नई मजबूती : सांसद अनुराग ठाकुर ने बैठक कर बनाया बड़ा प्लान
मोदी की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता की सराहना
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नई दिल्ली/हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश से सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने साइप्रस के हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स की प्रेसिडेंट सुश्री अनीता डेमेत्रियू के नेतृत्व वाले उच्च-स्तरीय डेलीगेशन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सार्थक व रचनात्मक चर्चा हुई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत और साइप्रस के द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत बनाना तथा 2025-2029 के लिए तैयार किए गए जॉइंट एक्शन प्लान के तहत सहयोग के नए रास्तों को आगे बढ़ाना था। अनुराग ठाकुर ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से बताया कि साइप्रस लंबे समय से भारत का विश्वसनीय और स्थिर साझेदार रहा है।
दोनों देशों के बीच यह संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान तथा आतंकवाद के खिलाफ कठोर और स्पष्ट रुख पर आधारित है। उन्होंने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थितियों में यह साझेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में समान सोच वाले देश ही एक-दूसरे का बेहतर समर्थन कर सकते हैं।
साइप्रस, यूरोपीय संघ (EU) का एक अहम सदस्य होने के साथ-साथ भारत के लिए यूरोप में रणनीतिक संपर्क का सेतु भी है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत-साइप्रस जॉइंट एक्शन प्लान 2025-2029 दोनों देशों के बीच आर्थिक, सुरक्षा, तकनीकी और समुद्री सहयोग को नई दिशा देगा।
इस प्लान के अंतर्गत व्यापार बढ़ाने, रक्षा क्षमताओं को साझा करने, उभरती तकनीकों पर संयुक्त शोध, समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकॉनमी जैसे क्षेत्रों में पार्टनरशिप को विस्तृत करने पर जोर दिया गया है। यह सहयोग इसलिए भी और महत्वपूर्ण है क्योंकि साइप्रस 2026 में अपनी EU प्रेसीडेंसी की तैयारी कर रहा है, ऐसे में भारत इस यात्रा में उसका पूरा समर्थन करेगा।
अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि उनके स्ट्रेटेजिक विज़न और गाइडेंस की वजह से भारत और साइप्रस के संबंध लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की विदेशी नीति में "वैश्विक भागीदारों के साथ संतुलित और भरोसेमंद संबंध" प्राथमिकता में हैं, जिसका स्पष्ट लाभ भारत-साइप्रस संबंधों में भी दिखाई देता है।