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October 17, 2024

सुक्खू सरकार और राज्यपाल में तकरार- इस मामले ने बढ़ाई गहमागहमी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के बीच चल रही टकराव की स्थिति ने प्रदेश की राजनीतिक परिदृश्य को गर्मा दिया है। हाल ही में, इंडो-तिब्बत बॉर्डर मुद्दे के बाद, राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर (वीसी) की नियुक्ति को लेकर सरकार के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

राज्यपाल की कड़ी प्रतिक्रिया

राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि सरकार का यह कहना कि विश्वविद्यालयों के संचालन के लिए वह पैसे देती है और इसलिए वीसी की नियुक्ति के अधिकार उसी के पास होने चाहिए, जिसे लेकर राज्यपाल ने कहा कि यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक संबंधित विधेयक उनके पास नहीं आएगा, तब तक उसकी समीक्षा नहीं की जा सकती। यह भी पढ़ें : हिमाचल : घर के बाहर खेल रही मासूम को HRTC बस ने रौंदा, मची चीख-पुकार

वीसी की नियुक्ति में गतिरोध

इस विवाद ने प्रदेश में लंबे समय से चल रहे वीसी की नियुक्ति के मुद्दे को भी सामने ला दिया है। कई विश्वविद्यालयों, जैसे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, में नियमित वीसी की नियुक्ति नहीं हो पाई है और शिक्षाविद इसे सरकार और राजभवन के बीच तालमेल न बैठाने का कारण मानते हैं।

विधेयक पर सवाल

वहीं पिछले कल राज्यपाल ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और बागवानी विश्वविद्यालय नौणी में कुलपति की नियुक्ति से संबंधित विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी तक यह विधेयक उनके पास नहीं पहुंचा है। यह विधेयक 4 सितंबर को विधानसभा में पारित हुआ था, जिसमें कुलपति की नियुक्ति सरकार की सलाह से करने का प्रावधान किया गया था। यह भी पढ़ें : हिमाचल में स्क्रब टाइफस ने छीनी दो जिंदगियां, अलर्ट हुआ स्वास्थ्य महकमा

तिब्बत-चीन सीमा पर विवाद

इसके अलावा, कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी के तिब्बत-चीन सीमा पर दिए गए बयान पर भी राज्यपाल ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें नेगी ने कहा था कि किन्नौर में चीनी हेलीकॉप्टर देखे गए हैं। इस पर राज्यपाल ने कहा कि इस तरह का बयान केंद्र सरकार के मामले में दखल देने के समान है।

पहले भी हो चुका है विवाद

बता दें कि इससे पहले भी राज्यपाल ने प्रेस कॉन्फेंस करके बताया था कि कैसे वीसी की नियुक्ति में विवाद बढ़ता जा रहा है। जिसके बाद सीएम सुक्खू राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने पहुंचे थे। इससे पहले भी योग दिवस के अवसर पर प्रदेश के किसी भी नेता के सम्मेलन में ना पहुंचने पर राज्यपाल नाराज चल रहे थे। यह भी पढ़ें : हिमाचल : दुकान में सफाई करते विपन को का*टा सांप, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़ वहीं, यह टकराव और विवाद स्पष्ट करते हैं कि सुक्खू सरकार और राज्यपाल के बीच किस तरह की राजनीति चल रही है, जो आने वाले समय में प्रदेश की प्रशासनिक स्थिति को प्रभावित कर सकती है।

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