शिमला। हिमाचल प्रदेश के सर्वांगीण विकास की चिंता करने वाले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने शानन बिजली परियोजना को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर के रुख पर असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे पर हिमाचल और पंजाब के बीच निष्पक्षता का रुख अपनाया है।
हिमाचल की संपत्ति है शानन परियोजना
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वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार ने आज सोमवार को बयान में कहा कि शानन परियोजना पूरी तरह से हिमाचल प्रदेश की संपत्ति है। 1966 के पंजाब पुनर्गठन कानून के अनुसार, साझा संपत्ति जिस राज्य में स्थित होगी उसका अधिकार उसी राज्य को होना चाहिए। इसी आधार पर शांता कुमार का मानना है कि 1966 में शानन परियोजना हिमाचल को मिलनी चाहिए थी।
शांता कुमार ने जताई न्याय की अपेक्षा
ब्रिटिश काल में मंडी रियासत के साथ लीज की गई थी जो अब समाप्त हो चुकी है। मंडी अब हिमाचल प्रदेश का हिस्सा है। इस वजह से शानन परियोजना पर हिमाचल प्रदेश का अधिकार है।
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उन्होंने ऊर्जा मंत्री से सवाल किया कि हिमाचल की भूमि पर उत्पन्न बिजली पर किसी और का दावा किस कानून के तहत हो सकता है। खट्टर के व्यक्तिगत मित्र होने के बावजूद शांता कुमार ने न्याय की अपेक्षा जताई है।
बोले 58 वर्षों से हो रहा अन्याय
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शांता कुमार ने कहा कि पिछले 58 वर्षों से हिमाचल के साथ इस मामले में बड़ा अन्याय हो रहा है। जिससे राज्य को हर साल करीब दो सौ करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने हिमाचल सरकार और जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर एकजुट होकर राज्य के अधिकार और सम्मान की रक्षा के लिए प्रयास करें।