धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज दूसरे दिन नियम 67 के तहत लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। इस दौरान भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। सदन में उस समय हंगामा हो गया, जब सीएम सुक्खू सदन में शराब घोटाले के आरोपों का जवाब दे रहे थे। सीएम सुक्खू ने कहा कि भाजपा के एक ग्रुप नेता ने ही जयराम ठाकुर के खिलाफ निकाला है। सीएम सुक्खू की इस बात के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और विपक्ष ने वाकआउट कर दिया।
पत्र बम पर क्या बोले सीएम सुक्खू
वहीं पत्र बम पर सीएम सुक्खू ने कहा कि अमोल ठाकुर नाम के एक लड़के ने सोशल मीडिया में कुछ लिख दिया। जिसे बाद में गुमनाम पत्र बम का नाम दे दिया गया। यह पत्र भरमौर से भेजा गया था। जब जांच हुई तो विधायक को भी बुलााया गया। विधायक ने पत्र वायरल करने की बात से इंकार किया। इस पत्र में 25 करोड़ के लेन देन की बात कही गई थी। आपके विधायक ने माफी भी मांगी।
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कौन सी मशीन, जिसमें धुलकर दागदार हो रहे बेदाग
जब जयराम ठाकुर की सरकार बनी तो जांच की। उस समय विजिलेंस ने कहा कि दस्तावेजो से छेड़खानी की। जांच में पता चला कि अमोल ठाकुर नाम का कोई शख्स है ही नहीं। सीएम सुक्खू ने तंज कसते हुए कहा कि जयराम जी आपके पास कौन सी मशीन है, जिसमें धुलकर दागदार भी बेदाग हो जाते हैं।
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शराब घोटोल पर क्या बोले सीएम
इसी तरह से सीएम सुक्खू ने भाजपा द्वारा लगाए गए शराब घोटाले पर कहा कि भाजपा उल्टा चोर कोटवाल को डांटे वाली बात कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने आबकारी विभाग की आमदनी बढ़ाई। प्रदेश की संपदा को लुटने से बचाया। वहीं जो शौंगटोंग प्रोजेक्ट है, उसके बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि इसमें तमाम प्रक्रियाओं को जयराम ठाकुर की सरकार ने अंजाम दिया। सीएम की इस बात पर विपक्ष के विधायक भड़क गए और नारेबाजी शुरू कर दी।
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जयराम ने पूछा सरकार की क्या मजबूरी
इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस अधिकारी पर कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए गंभीर आरोप लगाए थे, आज सत्ता में आते ही उनकी ऐसी क्या मजबूरी है कि उसी अधिकारी को बार बार सेवा विस्तार दिया जा रहा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि ब्यास नदी में बाढ़ से आए मलबे को रातोंरात गायब कर दिया गया। फ्लड.लाइट्स की रोशनी में वो कौन लोग थे जो उस मलबे को रातों.रात ले गए।
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आउटसोर्स कंपनियां बेरोजगारों से मांग रही पैसे
जयराम ने कहा कि प्रदेश सरकार बेरोजगारों को आउटसोर्स के आधार पर नौकरी देने की बात कर रही है, लेकिन आउटसोर्स कंपनी धारक बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर पैसे मांग रहे हैं। जो कि शर्मनाक है। सरकार को इन कंपनियों की जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता का सरकार पर भरोसा उठ रहा है। यह सही नहीं। बीजेपी ने सरकार के खिलाफ अभी कच्चा चिट्ठा लाया। अब हम पक्का चिट्ठा लेकर आएंगे।
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जयराम ने कहा कि सरकार ने सचिवालय से गुम हुए समोसों की जांच तो सीआईडी से करवा दी, बेहतर होगा जो कच्चा चिट्ठा हमने विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल को सौंपा है उसकी निष्पक्षता से जांच करवाई जाए।