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December 21, 2024

बिक्रम बोले: ऐसा निर्दयी जीजा नहीं देखा, CM का जवाब.. पूरा हिमाचल मेरा मायका ससुराल

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धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन है। आज शनिवार को सत्र के अंतिम दिन की शुरूआत ही हंगामे के साथ हुई है। विपक्ष ने प्रदेश में 1800 से अधिक संस्थानों को बंद करने पर सवाल उठाए। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई और ठहाके भ गूंजे। हालांकि कुछ देर बार विपक्ष ने वाकआउट कर दिया।

जयराम बोले भाभी के डर से देहरा में खोला सीएम ऑफिस

वाकआउट से पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में कहा कि संस्थानों को बंद कर आपने बच्चांे को शिक्षा के अधिकार से वचिंत किया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि हम आपके ससुराल के विरोध में नहीं हैं, लेकिन प्रदेश में चंबा और पांगी जैसे क्षेत्र भी हैं। यह भी पढ़ें : सदन में बोले जयराम ठाकुर, सीएम सुक्खू आज भी कर रहे हैं वीरभद्र सिंह के विरोध में काम जयराम ठाकुर ने चुटकी लेते हुए कहा कि सराज में आपने कैंप ऑफिस खोला था, लेकिन देहरा में तो आपने सीएम कार्यालय ही खोल दिया। भाभी से डर गए.... खोलिए... हमे कोई एतराज नहीं है, लेकिन जो संस्थान बंद किए हैं उसका आपको पाप लगेगा।

बिक्रम सिंह बोले इतना निर्दयी जीजा मैंने नहीं देखा

इसी तरह से जसवां-परागपुर के भाजपा विधायक बिक्रम सिंह बोले, इतना निर्दयी जीजा मैंने नहीं देखा। हमारे क्षेत्र में संस्थानों को खोलने की जरूरत नहीं महसूस की जाती। फिर देहरा की विधायक कमलेश ठाकुर की ओर इशारा करते हुए बोले, पता नहीं बहन जी आप बोलते भी हैं कि नहीं। इस पर सदन में खूब ठहाके लगे। यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार ने दिया सरकारी कर्मचारियों को जोर का झटका- OPS के नियमों में बदलाव

सीएम बोले फैसले मायका ससुराल देख नहीं लिए

इस सब पर सीएम सुक्खू ने जवाब दिया तो उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन ससुराल और मायका देख कर नहीं किया जाता। प्रशासनिक फैसले करते हुए रिश्ते नहीं, जरूरत देखी जाती है। सीएम सुक्खू ने कहा कि मेरे लिए पूरा हिमाचल मायका और ससुराल है। पूरे प्रदेश की जरूरतों को देखकर ही संस्थान खोले जाएंगे। इससे पहले हंसराज ने कहा कि केवल मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री के क्षेत्रों और देहरा में ही जरूरत आधारित संस्थान नहीं खोले जाने चाहिए।

भाजपा ने अंतिम समय में क्यों खोले संस्थान

सुक्खू ने कहा कि अगर भाजपा नेता जनता के सच्चे सेवक थे तो अंतिम वर्ष में 1 अप्रैल 2022 के बाद संस्थान खोलने की क्या जरूरत थी। हमारी तरह पहले खोल देते। इस अवधि के पहले के 2.4 संस्थान बंद किए। सीएम ने कहा कि 675 स्कूलों में जीरो एनरोलमेंट थी। इस पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। यह भी पढ़ें : सरकार का कमाल! HRTC के 96 फीसदी रूट घाटे में- फिर भी समय पर मिल रहा वेतन

वाकआउट के बाद क्या बोले जयराम

सदन से बाहर आने के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शपथ ली थी। उसके बाद अभी कैबिनेट का गठन भी नहीं हुआ था, और उससे पहले ही सरकार ने एक हजार से ज्यादा पूर्व की सरकार में खोले गए संस्थानों को बंद कर दिया। कांग्रेस ने अब तक 1865 संस्थानों को बंद किया है। जब विधानसभा में सवाल पूछा गया तो उसका भी उत्तर सही नहीं दिया गया। जबकि नीड बेस्ट की बात कर उलझाने का काम किया गया। यह भी पढ़ें : राहुल गांधी पर बरसे अनुराग ठाकुर, बोले- अहंकार से भरे हैं, माफी के लायक भी नहीं

कांग्रेस ने बंद किए 194 स्कूल

जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 1094 स्कूलों को बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो स्कूल बंद किए गए हैं उनमें अधिकतर ट्राइबल एरिया के हैं, जहां बच्चों को दूर दराज के स्कूलों में जाने में परेशानी होती है। लेकिन फिर भी कांग्रेस सरकार ने इन स्कूलों को बंद कर दिया और अब सदन के अंदर झूठ बोल रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएम सदन में झूठ बोलने का रिकॉर्ड बना रहे हैं।

वीरभद्र के विरोध में चल रहे सीएम सुक्खू

जयराम ठाकुर ने कहा कि असल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज भी पूर्व सीएम स्व वीरभद्र सिंह के विरोध में चल रहे हैं। वीरभद्र सिंह कहते थे कि प्रदेश का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। अगर एक बच्चे के लिए भी स्कूल खोलना पड़े, तो वह स्कूल जरूर खोलेंगे। लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू आज भी वीरभद्र सिंह के विरोध में ही चल रहे हैं और वह स्कूल बंद कर रहे हैं।

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