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July 22, 2024

भाजपा के 9 विधायकों पर आया स्पीकर का बयान, क्या प्रदेश में फिर होंगे उपचुनाव ?

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शिमला। हिमाचल विधानसभा में आज शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेश के तीन नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ग्रहण की। इन तीनों नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ लेने के बाद हिमाचल विधानसभा में विधायकों की संख्या लंबे समय बाद पूरी हुई हैं, यानी 68 पहुंच गई है। लेकिन विधानसभा के अंदर विधायकों का यह आंकड़ा कितने दिन तक 68 रहेगा, यह सोचने वाली बात है।

भाजपा के विधायकों का सदन में लंबित है मामला

इसका एक बड़ा कारण भाजपा के 9 विधायकों का मामला सदन में चल रहा है। जिसका फैसला विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया को करना है। इन 9 भाजपा विधायकों ने बजट सत्र में सदन के अंदर कागजात फाड़े थे और उन्हें स्पीकर चेयर की ओर फेंका था। इसके अलावा बीजेपी के इन विधायकों पर गलत व्यवहार का भी आरोप है। इस मामले में विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने बीजेपी विधायकों को नोटिस जारी कर रखा है। यह भी पढ़ें: तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आया बुजुर्ग: मौके पर उड़े प्राण पखेरू

स्पीकर बोले सदन में होगा 9 विधायकों का निर्णय

आज शपथ ग्रहण समारोह के बाद जब विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इसके जवाब में साफ कहा है कि यह मामला सदन के भीतर का है और सदन के अधिकार क्षेत्र में है। इस मामले में जो भी निर्णय होगा, वह सदन के भीतर ही होगा। हालांकि इसका फैसला कब होगा और क्या होगा, इसका स्पीकर ने कोई जवाब नहीं दिया है। यह भी पढ़ें: 20 दिनों से कमजोर पड़ा मानसून- अब एक साथ बरसेगा: ऑरेंज अलर्ट जारी

राज्यसभा चुनाव के बाद से पूरी नहीं हुई विधायकों की संख्या

बता दें कि हिमाचल में 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद अब तक दो बार उपचुनाव हो चुके हैं। हिमाचल की राज्यसभा सांसद की एक सीट के चुनाव से हिमाचल की राजनीति में ऐसी उथल पुथल मची कि हिमाचल विधानसभा में विधायकों की संख्या कम होती गई। पहले प्रदेश में कांग्रेस के 6 विधायकांे ने अपनी ही पार्टी से बगावत की और भाजपा में शामिल हो गए। उसके बाद तीन निर्दलीय विधायकांे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वह भी भाजपा में शामिल हो गए। यह भी पढ़ें: बदल गई हिमाचल की राजनीति: CM की विधायक पत्नी का शपथ ग्रहण सम्पन्न

प्रदेश में दो बार हो चुके हैं उपचुनाव

जिसके चलते प्रदेश में पहले छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें चार पर कांग्रेस को जीत मिली, जबकि दो सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। उसके बाद फिर तीन सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस ने दो सीटें जीती और भाजपा के खाते में एक ही सीट आई। अब इस सब के बीच लोगों के जहन में एक सवाल और उठ रहा है कि आने वाले समय में कहीं 9 सीटों पर एक बार फिर ना उपचुनाव हो, क्योंकि भाजपा के 9 विधायकों का मामला स्पीकर के पास लंबित है।

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