शिमला। हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र हर दिन हंगामे के साथ शुरू हो रहा है। आज चौथे दिन भी मानसून सत्र में जोरदार हंगामा हुआ। इसी हंगामे के बीच विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए वैल तक आ गए और यहां आकर भी लगातार नारेबाजी करते रहे। जिसके चलते विधानसभा स्पीकर को विधानसभा की कार्यवाही लंच अवकाश तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
छह विधायकों के सिर कलम, तीन के आरी के नीचे
दरअसल आज सदन में हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया के एक पुराने बयान ने बवाल मचा दिया। लोकसभा चुनाव के दौरान कुलदीप सिंह पठानिया ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि छह विधायकों के सिर कलम कर दिए हैं और तीन के आरी के नीचे हैं। जिसे बड़सर के भाजपा विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने सदन में पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत उठाया।
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इंद्र दत्त लखनपाल ने उठाया मुद्दा
इंद्र दत्त लखनपाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि स्पीकर साहब आपने चुनाव के दौरान कहा था कि छह विधायकों के सर कलम कर दिए गए हैं, जबकि 3 के आरी के नीचे हैं। क्या आप अपना बयान वापस लेंगे। जिस पर स्पीकर ने व्यवस्था देते हुए कहा कि सदन मंे उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है और ना ही देता हूं। सदन के बाहर उनका अधिकार क्षेत्र अलग है। जो कानून भी है।
क्या बोले कुलदीप सिंह पठानिया
स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि कानन की दृष्टि से जो निर्णय उन्होंने दिए हैं उन्हें अदालत ने भी अप्रूव किया है। इसलिए ऐसा कोई विषय सदन में उठाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। स्पीकर के इस जवाब से विपक्ष के नेता असंतुष्ट हो गए और विधानसभा में हंगामा कर दिया। विपक्ष के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी और नारेबाजी करते हुए वह वैल तक आ गए।
15 मिनट तक वैल में की नारेबाजी
हालांकि इस बीच भी लगभग 15 मिनट तक सदन की कार्यवाही चलती रही, लेकिन विपक्ष की नारेबाजी और हंगामे को देखते हुए स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन की कार्यवाही को लंच अवकाश तक के लिए स्थगित कर दिया।
लोकसभा चुनाव के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने दिया था बयान
दरअसल स्पीकर ने यह बयान लोकसभा चुनाव के दौरान दिया था। स्पीकर के बयान से विपक्ष ने नाराजगी जाहिर की थी और इसी के चलते 26 अगस्त को स्पीकर द्वारा बुलाई गई सर्व दलीय बैठक का भी विपक्ष ने बहिष्कार कर दिया था। आज सदन में एक बार फिर विपक्ष के नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया और जमकर हंगामा किया और वैल में आकर नारेबाजी की गई।
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जयराम ठाकुर ने जताई आपत्ति
वहीं इस सारे मामले पर सदन के बाहर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष को डराकर रखने का प्रयास कर रहे हैं और सत्ता पक्ष को अपना संरक्षण दे रहे हैं। विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने प्रश्न उठाया था। विधानसभा अध्यक्ष जिस पद पर बैठे हैं उस पद पर बैठ कर इस तरह का संबोधन सही नहीं है। विपक्ष को उनके इस संबोधन से आपत्ति है। विधानसभा अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए, ये शब्द स्पीकर ने अपने विधायकों के लिए किए है।
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जयराम ठाकुर ने उनकी जासूसी के भी लगाए थे आरोप
इससे पहले सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी जासूसी करवाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मेरे घर के ऊपर ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं, मेरे फोन को टैप किया जा रहा है। जिस पर भी सदन में खूब हंगामा हुआ। हालांकि जयराम के इस सवाल के जवाब में सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश पुलिस किसी भी नेता की जासूसी नहीं करवा रही और न किसी के फोन टेप किए जा रहे हैं।
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क्या बोले सीएम सुक्खू
सीएम सुक्खू ने कहा कि यदि कोई पुलिस अधिकारी ऐसा कर रहा होगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस तो नहीं करवा रही। हो सकता है ईडी और सीबीआई करवा रही हो। मुख्यमंत्री ने कहाए नेता प्रतिपक्ष की सुरक्षा उनकी सरकार की जिम्मेदारी है। यह गंभीर विषय है। इसलिए इसकी भी जांच करवाई जाएगी। इसके लिए वह ईडी.सीबीआई को पत्र लिखेंगे।