शिमला। हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र का आज 10वां दिन था। आज प्रश्नकाल शुरू होते ही सदन में प्रदेश के निजी अस्पतालों में हिमकेयर योजना को बंद करने का मुद्दा गूंजा। प्रश्नकाल में विधायक सुधीर शर्मा, राकेश जम्वाल, इंदर सिंह गांधी, त्रिलोक जम्वाल व रणधीर शर्मा ने इस मुद्दे को उठाया।
निजी अस्पतालों को कितना किया भुगतान
इन विधायकों ने सरकार से जानकारी मांगी थी कि निजी अस्पतालों को हिम केयर योजना के तहत अब तक कितना भुगतान किया गया है। वहीं अगर निजी अस्पतालों में कोई अनियमिताएं पाई गई थी, तो सरकार ने उनके खिलाफ क्या कदम उठाए हैं। वहीं सहारा योजना में कितने लोगों को लाभ मिल रहा है। सदन में उस समय माहौल गरमा गया, जब धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि हिमकेयर योजना पर स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री के उत्तर में विरोधाभास है।
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स्वास्थ्य और सीएम के जवाब में विरोधाभास
विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि हाल ही में सुक्खू सरकार ने निजी अस्पतालों में हिमकेयर योजना को बंद कर दिया है। सरकार ने यह निर्णय जल्दबाजी में लिया है। सुधीर शर्मा ने कहा कि आज स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब दिया और कहा कि इस योजना में कोई अनियमिताएं नहीं है। इस योजना को बंद कर दिया जाना चाहिए क्योंकि हमारे अस्पतालों में इलाज बेहतर है।
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क्या दिया था सीएम सुक्खू ने जवाब
सुधीर शर्मा ने कहा कि इसी प्रश्न के उत्तर में सीएम सुक्खू ने कहा कि अभी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार नही हुआ है। सारे अस्पताल रेफरल अस्पताल बने हुए थे। इसी वजह से इसे बंद किया गया है। इन निजी अस्पतालों की देनदारियां बहुत अधिक थी साथ ही इलाज के नाम पर बड़े बड़े पैकेज बनाये गए थे। उसमें अनियमिताएं पाई गई। इसके लिए सब कमेटी का निर्माण किया गया है।
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सरकार के मुखिया और मंत्री ही अलग अलग दे रहे जवाब
विधायक सुधीर शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार के मंत्री कुछ और कह रहे हैं, जबकि मुखिया कुछ और ही कह रहे हैं। दोनों के उत्तर में ही विरोधाभास है। एक तरफ कहा जा रहा स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक है दूसरी तरफ कहा जा रहा सुविधाएं बेहतर नही है। इन दोनों उत्तर में विरोधाभास है। सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकारी अस्पतालों की सुविधाए ठीक नहीं हैं और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा।
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हिमाचल में क्रियाशील हैं सहारा और हिमकेयर योजनाएं
सदन में स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने बताया कि हिमाचल में सहारा और हिमकेयर दोनों ही योजनाएं चल रही हैं। गत वर्ष में 30 जुलाई 2024 तक की बात करें तो सहारा योजना के तहत 16798 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 11419 स्वीकृत हुए हैं। वहीं हिमकेयर योजना के तहत दो लाख 45 हजार 141 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से दो लाख 43 हजार 614 स्वीकृत किए गए हैं। अन्य लंबित हैं।
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निजी अस्पतालों का अभी तक 127.93 करोड़ लंबित
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में हिमकेयर योजना के तहत 355.00 करोड़ की राशि का भुगतान लंबित है। जो प्रक्रियाधीन है। गत दो वर्षों में 31 जुलाई तक हिमकेयर योजना के तहत निजी अस्पतालों को 199.36 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। और 127.93 करोड़ रुपए का भुगतान अभी शेष है।