शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के कई माह बाद आखिरकार दो मंत्रियों को सरकारी कोठियां नसीब हो ही गई हैं। इससे पहले यह दोनों ही मंत्री विधायकों के कमरों में रह रहे थे। हालांकि विभाग ने इन दोनों मंत्रियों को अधिकारियों के टाइप फाइव आवास रहने को दिए थे, लेकिन इन दोनों ही मंत्रियों ने अधिकारियों के फ्लैटों में रहने से मना कर दिया था। अब मामला सीएम सुक्खू के ध्यान में आते ही दोनों ही मंत्रियों को सरकारी कोठियां मिल गई हैं।
मंत्रियाें की कोठियों पर सीपीएस का कब्जा
बता दें कि हिमाचल में सरकार की तरफ से मंत्रियों के लिए 12 कोठियां बनाई गई हैं। लेकिन फिर भी सरकार के दो मंत्रियों यादविंद्र गोमा और राजेश धर्माणी को सरकारी कोठियां नहीं मिली थी।
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इसका एक बड़ा कारण इन कोठियों पर सीपीएस सहित अन्यों का कब्जा बताया जा रहा था। लेकिन जब इस बारे में सीएम सुक्खू को पता चला तो उन्होंने व्यवस्था करते हुए अब दोनों की मंत्रियों को कोठियां अलॉट करवा दी हैं।
कुलदीप पठानिया और सीएम के प्रधान सचिव की कोठी करवाई खाली
सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया की कोठी को यादवेंद्र गोमा को सौंप दिया है। कुलदीप सिंह पठानिया को उनके अपने आवास पर भेजा गया है। वहीं राजेश धर्माणी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान सचिव भरत हरबंस लाल खेड़ा की कोठी दी गई है। भरत खेड़ा इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए हैं।
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दोनों मंत्रियों को मिली कोठियां
बताया जा रहा है कि गोमा को आवंटित की गई कोठी में मरम्मत का काम चल रहा है। जिसके चलते वह अभी इस कोठी मंे शिफ्ट नहीं कर सकेंगे। उन्हें इस कोठी में शिफ्ट करने के लिए एक माह का समय लग सकता है। बता दें कि यादविंद्र गोमा और राजेश धर्माणी ने 11 जनवरी को मंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद से इन्हें अभी तक सरकारी मंत्रियों के लिए बनीं कोठियां आवंटित नहीं हुईं थीं।
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दरअसल हिमाचल में मंत्रियांे के लिए बनी कोठियों पर सुक्खू सरकार के राज में सीपीएस सहित अन्यों ने कब्जा कर लिया था। जिसके चलते यह दोनों ही मंत्री लंबे समय से सरकारी कोठियां मिलने का इंतजार कर रहे थे। हालांकि इन दो मंत्रियों को छोड़ कर अन्य सभी मंत्री कोठियों में ही रह रहे हैं।