शिमला। लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम सामने आने से ठीक पहले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने तीन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर सूबे की सियासत को एक नए मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। कल लोकसभा चुनाव के साथ हिमाचल की 6 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के भी परिणाम सामने आने हैं।
कल के रिजल्ट पर टिकी हैं सबकी निगाहें
ऐसे में सब की निगाहें इन्हीं परिणाम पर टिकी रहेंगी और उसके बाद ही आगे की स्थिति साफ हो पाएगी। क्योंकि परिणाम के सामने आने के बाद ही अगले उपचुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी और कहीं ना कहीं कल के आंकड़े ही प्रदेश की आगामी सियासी तस्वीर पर जमीं धुंध को हटा पाएंगे।
कुछ ऐसा बन रहा है विधानसभा का समीकरण
इस सब के बीच एक बार फिर से प्रदेश की कांग्रेस सरकार के अस्थिर होने की खबरों ने जोर पकड़ लिया है। तीन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या घटकर 59 हो गई है मगर मंगलवार को उपचुनाव के रिजल्ट सामने आने के बाद इन सदस्यों की संख्या दोबारा से 65 हो जाएगी।
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ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 33 का होगा और मौजूदा सरकार के पास फिलहाल के वक्त में 34 विधायकों का समर्थन है ऐसे में यह माना जा रहा है कि फिलहाल के लिए सुक्खू सरकार सुरक्षित है। वहीं, अगर विक्रमादित्य सिंह और विनोद सुल्तानपुरी इन लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने में सफल होते हैं, तो कुल सदस्यों का आंकड़ा 63 हो जाएगा और इन दोनों की सीटों पर भी उपचुनाव कराने पड़ जाएंगे।
मोदी और शाह ने किया था सरकार गिरने का इशारा
मगर इसके बावजूद भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री द्वारा हिमाचल में हुए चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश की सत्ता में भी परिवर्तन को लेकर किया गया दवा सब की निगाहों में खटक रहा है। आमजन का मानना है कि उपचुनाव के नतीजे स्पष्ट होने के बाद हिमाचल में एक बार फिर ऑपरेशन लोटस को फलीभूत करने का प्रयास किया जाएगा।