शिमला। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मस्जिद विवाद पर बयान देते हुए कहा कि बाहरी लोगों को हिमाचल को ऐशगाह नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से आधार कार्ड के सत्यापन की प्रक्रिया को गंभीरता से लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने साफ किया है कि बाहर से आने वालों के आधार कार्ड और पहचान पर नजर रखी जानी चाहिए
हिमाचल की पवित्रता को नष्ट ना करें
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल की पवित्रता हिमाचलियों से है और यह बनी रहनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन अपने स्तर पर सभी आवश्यक प्रयास कर रहा है ताकि राज्य के वातावरण को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने नशे की बढ़ती समस्या पर भी चिंता जताई और कहा कि नशे के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि हिमाचल हिमाचलियों का है।
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मुस्लिम समुदाय छुपा रहा पहचान
मस्जिद विवाद के बाद, प्रदेश के विभिन्न शहरों में बाहरी लोगों के आधार कार्ड की जांच शुरू की गई है। कई मामलों में आधार कार्ड में जन्म तिथि एक जनवरी के रूप में दर्ज होने की शिकायतें सामने आई हैं। इस विषय पर लोगों ने विशेष समुदाय के लोगों पर पहचान छिपाने के आरोप लगाए हैं।
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आधार कार्ड पर एक जैसी जन्म तिथि
बता दें कि शिमला जिले के गुम्मा बाजार के दुकानदारों ने कोटखाई पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने 88 लोगों के आधार कार्ड की जांच करने की मांग की। इनमें से 46 की जन्म तिथि एक जनवरी थी। हालांकि, पुलिस ने जांच के बाद सभी आधार कार्ड को सही पाया, लेकिन यह मुद्दा अभी भी विवादास्पद बना हुआ है।
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अनिरुद्ध सिंह भी दे चुके हैं बयान
राज्यपाल के बयान से पहले, कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में अवैध घुसपैठ की समस्या पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठिए पहुंच गए हैं और उन्होंने बाहरी लोगों की पहचान की मांग की। इसके बाद प्रदेश भर में बाहरी लोगों के पंजीकरण की बात जोर पकड़ने लगी है जिसके कारण जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं।