शिमला। महीने की पहली तारीख को हिमाचल के कर्मचारियों और पेंशनर की सैलरी-पेंशन ना मिलने से खाते से कट रही EMI की चिंता को सुक्खू सरकार ने खत्म करने का प्रयास किया है। राज्य के प्रधान सचिव वित्त ने स्टेट लेवल बैंकर्स समिति को पत्र लिखकर पैनल्टी और ब्याज भी न वसूले की बात कही है।
कर्मचारी व पेंशनर को पैनल्टी न लगाए बैंक
प्रधान सचिव वित्त ने डिप्टी जनरल मैनेजर स्टेट लेवल बैंकर्स की कमेटी को पत्र लिखकर सभी बैंकों से आग्रह किया है कि कर्मचारियों की सैलरी-पेंशन ना पड़ने तक उन्हें राहत दी जाए। इनके खाते से EMI ना काटी जाए, और ना ही अतिरिक्त पैनल्टी और ब्याज भी न वसूला जाए। जिसके बाद कर्मचारियों और पेंशनरों को थोड़ी राहत जरूर मिली है।
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कर्मचारियों को राहत
हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों ने इसके बाद थोड़ी राहत जरूर पाई है। कर्मचारियों और पेंशनरों का कहना था कि उन्होंने अपने घर बनाने या वाहन खरीदने के लिए बैंक से लोन ले रखे हैं। जिसका ईएमआई समय पर ही कटता है। सैलरी-पेंशन ना मिलने के कारण उनका बैंक अकाउंट जीरो है और ईएमआई ना भरने की सूरत में पैनल्टी लग रही है।
सैलरी पर निर्भर कई कर्मचारी
मुख्य सचिव के आश्वासन पर प्रधान सचिव वित्त ने बैंक कमेटी को यह पत्र लिखा है। वहीं बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 2 लाख कर्मचारी और 1.50 लाख पेंशनर हैं। कई कर्मचारी नौकरी पर ही अपने परिवार का निर्वहन कर रहे हैं। ऐसे में स्कूल की फीस से लेकर दूसरे आम खर्चों के लिए 1 तारीख को पड़ने वाली सैलरी पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे सभी कर्मचारी-पेंशनर को सरकार के इस फैसले से लाभ होगा।
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5 को सैलरी, 10 को पेंशन
बता दें कि विधानसभा में सीएम सुक्खू ने सैलरी और पेंशन पर अपनी बात रखते हुए बताया था कि कर्मचारियों को 5 सितंबर को सैलरी और पेंशनर को 10 तारीख को पेंशन मिलेगी। ये व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक प्रदेश के वित्तीय हालात नहीं सुधर जाते। ऐसे में कर्मचारियों का प्रतिनिधमंडल मुख्य सचिव से भी मिला, जहां उन्होंने सैलरी देरी से आने पर चिंता जाहिर की थी।