शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने भाजपा के नौ विधायकों के खिलाफ उठाए गए कंटेम्प्ट ऑफ हाउस यानि विधानसभा की अवमानना के मामले पर अपना बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला विधानसभा के अंदर ही सुलझेगा और इस पर भविष्य में कभी भी सुनवाई की जा सकती है। विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि यह विषय समयबद्ध नहीं है और इसलिए इस पर विचार विधानसभा में किया जाएगा।
वीडियो सबूत मौजूद, जबाव आने के बाद लिया जाएगा फैसला
विधानसभा अध्यक्ष पठानिया ने बताया कि यह पहला मौका है जब विधानसभा में इस प्रकार का मामला आया है और इस कारण सभी तथ्यों को गहराई से खंगाला जा रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन का भी जिक्र किया, जिनके खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया था।
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हर्ष महाजन ने लिखित रूप में जवाब भेजा था जिसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की मर्यादा के खिलाफ कोई टिप्पणी न करने की बात कही थी। अध्यक्ष पठानिया ने कहा कि वीडियो सबूत मौजूद हैं, लेकिन सांसद महाजन के जवाब आने के बाद इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कर्मचारियों के मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंपा जाएगा।
स्पेन और स्विटजरलैंड की तर्ज पर विकसित हो विधानसभा
विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेश की विधानसभा के विकास को लेकर भी अपनी इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश की विधानसभा भी स्पेन और स्विटजरलैंड की तर्ज पर विकसित हो, जहां सरकार का गठन चार साल के लिए होता है। उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में हिमाचल की अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए इस क्षेत्र को और अधिक विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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विधानसभा की कार्यवाही जनता तक होगी उपलब्ध
इसके अलावा, कुलदीप पठानिया ने बताया कि अब विधानसभा की कार्यवाही और संबंधित सभी सूचनाएं लैवा ऐप के जरिए जनता के लिए उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि यह कदम देश की अन्य विधानसभा और लोकसभा से जुड़े लैवा ऐप से जुड़ने के बाद उठाया जा रहा है, जिससे विधानसभा की कार्यवाही को पारदर्शिता के साथ जनता तक पहुंचाया जा सके। इस ऐप से नागरिकों को विधानसभा की कार्यवाही, सूचनाओं और फैसलों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
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18 से 21 तक आयोजित होगा शीतकालीन सत्र
विधानसभा अध्यक्ष ने शीतकालीन सत्र के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने चार दिन के सत्र का प्रस्ताव भेजा है, जो 18 से 21 दिसंबर तक आयोजित होगा। इस सत्र में कुल 27 बैठकें होंगी, जिसमें बजट और मानसून सत्र की 23 बैठकें पहले ही हो चुकी हैं। अब शीतकालीन सत्र में चार बैठकें आयोजित की जाएंगी।