शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार में लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर वक्फ बोर्ड के कानून बदलने को लेकर एक पोस्ट सांझा की है। विक्रमादित्य ने अनुसार वक्त के साथ हर कानून में बदलाव लाना आवश्यक है।
क्या लिखते हैं विक्रमादित्य
फेसबुक पर पोस्ट कर विक्रमादित्य ने लिखा है कि कानून में तबदीली लाना आवश्यक है, वक्फ बोर्ड में भी बदलते समय के साथ सुधार की आवश्कता है। इस पोस्ट के बाद लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग इस पोस्ट का समर्थन देखते हुए नदर आ रहे हैं।
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बता दें कि प्रदेश में वक्फ बोर्ड को भंग करने और बाहरी राज्यों से आने वाले विशेष समुदाय के लोगों की वेरिफिकेशन की मांग जोरों से उठाई जा रही है। वहीं, प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन जारी है, जिसके बाद आज विक्रमादित्य सिंह का पोस्ट भी सामने आया। प
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर चर्चा तेज
बता दें कि बीते दिनों संसद में एक नया विधेयक लाया गया जो 1995 के वक्फ कानून में बदलाव करेगा। जिसके बाद से वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पर विभिन्न हितधारकों के साथ अनौपचारिक चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति JPC के सदस्य पांच राज्यों का दौरा करने वाले हैं। यह राष्ट्रव्यापी चर्चा 1 अक्तूबर तक चलेगी, जिसकी शुरुआत 26 सितंबर को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से होगी। हालांकि वक्फ संशोधन विधेयक की खिलाफ में कई मुस्लिम संगठन एक साथ जुड़ चुके है। वहीं, देश भर में वक्फ संशोधन विधेयक की चर्चा तेज हो चुकी है। जिसका समर्थन विक्रमादित्य ने भी किया है।
उल्लेखनीय है कि शिमला में उपजे अवैध मस्जिद निर्माण के विवाद के बाद वक्फ बोर्ड के मालिकाना हक की भूमि का ब्यौरा सामने आया है। वन और राजस्व विभाग के बाद वक्फ बोर्ड तीसरा सबसे ज्यादा भूमिधारक है। बता दें कि राजधानी शिमला में करीब 70 बीघा भूमि पर वक्फ बोर्ड का मालिकाना हक है।
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कहां है वक्फ बोर्ड की संपति
संजौली मस्जिद को लेकर मजे विवाद के बाद प्रशासन की ओर से वक्फ संपत्तियों का खुलासा हुआ है। संजौली, छोटा शिमला, लक्कड़ बाजार, बेम्लोई, ताराहाल, बालूगंज और लोअर बाजार में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां हैं। टूटीकंडी वार्ड के पांजड़ी क्षेत्र में वक्फ बोर्ड की सबसे ज्यादा संपत्ति है जो करीब 46 बीघा है।
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संजौली में भी है जमीन
इसके अलावा बैम्लोई में 3.16 बीघा, छोटा शिमला, बालूगंज, लोअर बाजार में करीब 10 बीघा जमीन पर भी वक्फ का मालिकाना हक है। लक्कड़ बाजार में 7.41 और ताराहाल में 6.13 बीघा भूमि वक्फ बोर्ड के पास है। वहीं, संजौली में करीब 17.98 बिस्वा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है।
हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के पास मालिकाना हक
बता दें कि यह अधिकतर संपत्ति हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड की है। इन चल-अचल संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में मकान, मस्जिद, दुकानों का निर्माण किया है। हालांकि इन संपतियों का ब्यौरा अदालत में पेश किया जाना है।
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क्या है वक्फ
वक्फ एक इस्लामिक कानूनी प्रथा है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को धार्मिक या समाजिक भलाई के लिए दान करता है। यह संपत्ति स्थायी रूप से वक्फ के नाम पर होती है और इसे सामान्य तौर पर धार्मिक या सामाजिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वक्फ की संपत्तियां आमतौर पर इस प्रकार हो सकती हैं:
भूमि और भवन: मस्जिदें, मदरसे, अस्पताल, स्कूल, और अन्य धार्मिक या सामाजिक संस्थाओं के लिए भूमि और भवन।
पैसे और वित्तीय संसाधन: वक्फ कोष में दान की गई राशि जो विभिन्न सामाजिक या धार्मिक परियोजनाओं के लिए उपयोग की जाती है।
मल, संपत्ति या वस्त्र: धार्मिक आयोजनों या सामाजिक कार्यक्रमों के लिए उपयोग की जाने वाली वस्त्र या अन्य सामग्री।