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December 19, 2024

सुक्खू भइया-सुक्खू भइया, जंगली मुर्गा किसने खाया?- विधानसभा में गूंजा ऐसा नारा

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धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंत्री और विधायक विधानसभा पहुंचे, लेकिन इस दौरान भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर कांग्रेस सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। भाजपा ने एक बार फिर "जंगली मुर्गे" के मुद्दे को उठाया और हाथों में जंगली मुर्गे के पोस्टर लेकर नारेबाजी की।

सुक्खू भइया, जंगली मुर्गा किसने खाया?

BJP के विधायक विधानसभा के बाहर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए "सुक्खू भइया-सुक्खू भइया, जंगली मुर्गा किसने खाया?" के नारे लगा रहे थे। बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से जुड़े एक विवादास्पद बयान से था, जब उन्होंने कथित तौर पर एक जंगली मुर्गा खाया था। भाजपा विधायकों ने इसे लेकर सरकार पर सवाल उठाए और इसके जरिए कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया। यह भी पढ़ें : हिमाचल के सरकारी स्कूल की छात्रा का कमाल, नेशनल लेवल पर दिखाएगी प्रतिभा

विधानसभा में राजनीतिक तनाव बढ़ा

इस प्रदर्शन के बाद विधानसभा परिसर में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। BJP ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए इसे प्रदेश की नीतियों और नेतृत्व से संबंधित गंभीर मामला करार दिया। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने इसे भाजपा का राजनीतिक विरोधी चाल करार दिया और आरोपों का खंडन किया। यह भी पढ़ें : अनुराग बोले- कांग्रेस राज में हिमाचल की जनता त्रस्त, महंगाई की मार ने तोड़ी कमर

आज विधानसभा सत्र का दूसरा दिन

बता दें कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज अपने दूसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। सत्र 18 दिसंबर से लेकर 21 दिसंबर तक चलेगा। पहले दिन BJP ने जनाक्रोश रैली के जरिए कांग्रेस सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया, वहीं दूसरे दिन सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा शुरू हुई।

लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन का बिल पेश

सत्र के पहले दिन लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन का बिल पेश किया गया। इस संशोधन के तहत भूमि की सीमा से संबंधित कुछ बदलाव किए जाएंगे, जिनसे प्रदेश की भूमि वितरण व्यवस्था को प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह भी पढ़ें : हिमाचल के युवक पंजाब के शहरों में बेचते थे नशा- पुलिस ने ऐसे दबोचा

अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण के बिल पर चर्चा

इसके अलावा, विधानसभा में अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण और सीनियरिटी लिस्ट में संशोधन से जुड़े विधेयक भी पेश किए गए। इन विधेयकों के तहत अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए कर्मचारी, जो अभी तक नियमित नहीं हो पाए हैं, उन्हें सीनियरिटी से जुड़े इन्क्रीमेंट का लाभ नहीं मिलेगा।

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