शिमला। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर एक बार फिर सियासी संकट मंडरा सकता है। BJP ने कांग्रेस के 9 विधायकों के खिलाफ एक नई रणनीति बनाई है और दावा किया है कि वह जल्द ही राज्यपाल से मिलकर इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग करेगी। इन 9 विधायकों में 6 पूर्व CPS (कैबिनेट रैंक) और 3 अन्य कैबिनेट रैंक वाले विधायक शामिल हैं।
विधायकों की सदस्यता रद्द होने से बदलेंगे समीकरण
BJP ने आरोप लगाया है कि इन विधायकों की नियुक्तियां ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के तहत की गई हैं, जो संविधान के खिलाफ है। इस मुद्दे को लेकर पार्टी ने यह तर्क दिया है कि अगर कांग्रेस सरकार के इन 9 विधायकों की सदस्यता रद्द होती है, तो विधानसभा में स्थिति बदल सकती है। इसके साथ ही बीजेपी ने यह भी कहा कि वे इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राजभवन तक पहुंच सकती है।
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BJP विधायकों पर भी आरोप
बता दें कि BJP के 9 विधायकों पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इन पर सदन में दुर्व्यवहार करने का आरोप है। रिपोर्ट्स के अनुसार, BJP के विधायकों ने सत्र के दौरान सरकारी रिपोर्टरों से फाइलें छीनकर स्पीकर के चेयर की ओर फेंकी और मार्शलों के साथ धक्का-मुक्की की। इस घटना का वीडियो भी विधानसभा सचिवालय प्रशासन के पास मौजूद है, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इन विधायकों को नोटिस जारी किए हैं। इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया अब जल्द ही पूरी हो सकती है।
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कांग्रेस के पास है पलटवार का मौका
उधर, कांग्रेस सरकार के लिए राहत की बात यह है कि यदि बीजेपी के 9 विधायकों की सदस्यता रद्द होती है, तो भी कांग्रेस के पास बहुमत होगा। यह स्थिति कांग्रेस के लिए अनुकूल है क्योंकि उपचुनाव में उसे केवल 4 सीटें जीतने की जरूरत होगी, जबकि बीजेपी को सत्ता हासिल करने के लिए 7 सीटों का जादुई आंकड़ा पार करना होगा।
BJP की सियासी चाल
बीजेपी के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल से मिलकर कांग्रेस के 9 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि CPS (कैबिनेट रैंक) पद ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के अंतर्गत आता है और यह संवैधानिक रूप से गलत है। बीजेपी के इस कदम से कांग्रेस को सियासी चुनौती मिल सकती है, खासकर जब राज्यपाल 19 नवंबर के बाद हिमाचल लौटेंगे।
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कांग्रेस के खिलाफ मांग
कांग्रेस के जिन 9 विधायकों की सदस्यता पर सवाल उठाए जा रहे हैं, उनमें 6 पूर्व CPS और 3 कैबिनेट रैंक वाले विधायक शामिल हैं। इन विधायकों में फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया, नगरोटा बगवा से विधायक RS बाली, और रामपुर से विधायक नंद लाल शामिल हैं। बीजेपी का कहना है कि इन विधायकों की नियुक्तियां ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के तहत हुईं और इन्हें अब सदस्यता से वंचित किया जाना चाहिए।