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October 29, 2024

हिमाचल आ रहीं प्रियंका गांधी- वायनाड में चुनाव प्रचार बीच में छोड़ा, जानिए वजह

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शिमला। अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड सीट के लिए चल रहे लोकसभा उपचुनाव के प्रचार को छोड़कर आज अपने घर छराबड़ा पहुंचेंगी। बता दें कि प्रियंका गांधी दिल्ली से चंडीगढ़ हवाई यात्रा करेंगी। जिसके बाद सड़क मार्ग होकर शिमला आएंगी।

शिमला में मनाएगी दिवाली

जानकारी के अनुसार, प्रियंका गांधी शिमला में दिवाली का पर्व अपने परिवार के साथ मनाएंगी। उनके पति रॉबर्ट वाड्रा और बच्चे भी इस दौरान उनके साथ रह सकते हैं। हालांकि, यह दौरा निजी बताया जा रहा है, और इस दौरान किसी बड़े नेता से मुलाकात का कोई कार्यक्रम तय नहीं है। यह भी पढ़ें सुक्खू सरकार ने दिवाली से पहले अधिकारियों को दिया प्रमोशन का तोहफा, यहां देखें लिस्ट

शिमला रहा राजनीतिक केंद्र

बता दें कि प्रियंका गांधी का यह दौरा कांग्रेस की राजनीति में शिमला की अहमियत को फिर से उजागर करता है। पिछले कुछ महीनों में वे यहां कई बार आई हैं। परिवार के साथ की गई यात्रा के दौरान प्रियंका ने यहां आराम फरमाया था।

गांधी परिवार की हालिया यात्राएं

बता दें कि सितंबर में भी गांधी परिवार शिमला आया था, जब प्रियंका ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान यहां यात्रा की थी। उनका छराबड़ा में पहाड़ी शैली का घर हर साल उनके आराम करने का स्थान होता है। यह भी पढ़ें : शातिर ने व्यापारी से मांगी एक करोड़ की फिरौती, पैसे नहीं देने पर दी ये धमकी

वायनाड में चुनावी शोर

लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा का चुनावी सफर शुरू हो गया है। लंबे समय तक चुनावी राजनीति से दूर रहने के बाद, प्रियंका अब खुद मैदान में हैं, जबकि उन्होंने पहले अपने परिवार के सदस्यों और अन्य कांग्रेस नेताओं के लिए प्रचार किया। 52 वर्षीय प्रियंका का चुनावी मैदान में उतरना कांग्रेस पार्टी की रणनीतिक योजना के तहत माना जा रहा है। राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने के बाद यह खाली स्थान प्रियंका के लिए चुनौती बन गया है। यह भी पढ़ें : हिमाचल पुलिस ने साथी से खुलवाया मुंह और अरेस्ट हो गए 6 तस्कर, राधे गैंग का सच जानिए

मुख्य प्रतिद्वंद्वी

प्रियंका गांधी का मुकाबला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के सत्यन मोकेरी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नव्या हरिदास से है। मोकेरी केरल के प्रतिष्ठित नेताओं में गिने जाते हैं, जबकि नव्या हरिदास एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से राजनीतिज्ञ बनी हैं। प्रियंका के लिए यह उपचुनाव न केवल राजनीतिक चुनौती है, बल्कि कांग्रेस के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। देखना होगा कि क्या प्रियंका अपनी राजनीतिक पारी में सफल हो पाती हैं या नहीं।

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