शिमला। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के कर्मचारियों ने अपने चेयरमैन RS बाली के खिलाफ तीखे स्वर अख्तियार किेए है। शिमला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्मचारियों ने निगम के चेयरमैन को बदलने की मांग की। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार बाली से मिलने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कभी भी मिलने का समय नहीं दिया।
घाटे में चल रहे होटलों के आंकड़े गलत
वहीं, कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि निगम की घाटे में चल रहे होटलों के आंकड़े गलत प्रस्तुत किए गए हैं और इसके पीछे एक साजिश की संभावना जताई है ताकि इन होटलों को निजी हाथों में सौंपा जा सके।
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सही आंकड़े छिपाए जा रहे हैं
कर्मचारियों का कहना है कि जिन होटलों को घाटे में बताया जा रहा है, वे असल में घाटे में नहीं हैं। कर्मचारियों का मानना है कि ये आंकड़े जानबूझकर गलत पेश किए गए हैं ताकि इन होटलों को प्राइवेट सेक्टर को सौंपा जा सके। 5 नवंबर को हुई निगम की निदेशक मंडल (BOD) की बैठक के बाद, कर्मचारियों को अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है।
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RS बाली पर आरोप: 70 लोगों को होटल में भर्ती किया
निगम कर्मियों ने RS बाली पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उनका कहना है कि बाली ने अपनी विधानसभा क्षेत्र के 70 लोगों को होटल में भर्ती किया है, जो कि निगम के कर्मचारियों के लिए एक और विवाद का कारण बन गया है।
निगम कर्मियों ने की राज्य सरकार से राहत की मांग
हिमाचल पर्यटन विकास निगम के महासचिव राज कुमार ने कहा कि कर्मचारियों ने हिमाचल हाईकोर्ट से भी शेष 9 होटलों को फिर से खोलने का आग्रह किया है। इसके अलावा, निगम के घाटे के कारणों पर भी चर्चा की गई और राज्य सरकार से 50 करोड़ रुपये की राहत राशि की मांग की गई। जिससे निगम की देनदारी का एक बड़ा हिस्सा खत्म किया जा सके।
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CM अपने पास रखे पर्यटन विभाग
निगम कर्मचारियों ने मांग की है कि CM सुखविंदर सिंह सुक्खू पर्यटन निगम को अपने पास लें और चेयरमैन आरएस बाली को पद से हटाएं। कर्मचारियों का आरोप है कि वर्तमान स्थिति के लिए बाली ही जिम्मेदार हैं और उनके रहते निगम की हालत नहीं सुधरेगी।
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HPTDC के 56 होटल, लेकिन अधिकांश घाटे में
प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे हैं लेकिन अधिकांश होटल कई सालों से घाटे में चल रहे हैं। इन घाटे के कारण निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन के भुगतान में सक्षम नहीं हो पा रहा है जबकि पेंशनरों के सेवा लाभ का मामला भी कोर्ट में विचाराधीन है।