शिमला। हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हाल ही में रेस्टोरेंट, फास्ट-फूड सेंटर और रेहड़ी-फड़ी संचालकों के लिए पहचान पत्र (I-CARD) लगाने के मामले में स्पष्टता दी है। उन्होंने कहा है कि यह मामला उत्तर प्रदेश या योगी आदित्यनाथ से कोई संबंध नहीं रखता है। मंत्री का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के अपने अलग मुद्दे हैं।
प्रदेश में बनी रहे शांति
मंत्री विक्रमादित्य ने आगे कहा कि हिमाचल में हाल के दिनों में हुई घटनाओं के मद्देनजर, राज्य सरकार ने आपसी सौहार्द और शांति बनाए रखने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। इसी सिलसिले में सर्वदलीय समिति का गठन किया गया है, जो विभिन्न मुद्दों पर विचार करेगी। उन्होंने आगे बताया कि हमारी जिम्मेदारी है कि प्रदेश में शांति बनी रहे और कोई भी घटना सांप्रदायिकता का रूप न ले।
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रेहड़ी-फड़ी वालों के मिलेगा उचित स्थान
विक्रमादित्य ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार, अलग-अलग नगर निकायों में पहले से ही स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी बनाई गई है। इन समितियों के माध्यम से रेहड़ी-फड़ी वालों को उचित स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्री ने कहा कि हिमाचल में हाल की घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है।
रोजगार के लिए हिमाचल में सभी का स्वागत
वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि रोजगार के लिए हिमाचल आने वाले सभी लोगों का स्वागत है। प्रदेश की शांति बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने ये भी कहा कि हिमाचल में बाहरी राज्यों से लोग रोजगार के लिए आ सकते हैं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी गतिविधियाँ हमारे कानून और व्यवस्था के तहत हों।
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खाद्य सामग्री में स्वच्छता पर नजर
विक्रमादित्य ने प्रदेश में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति और खाद्य सामग्री में स्वच्छता के मुद्दों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे प्रदेश में जो भी आ रहा है, वह सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में काम करे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है और सभी नागरिकों को एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण प्रदान करना उसकी प्राथमिकता है।
राजीव शुक्ला ने भी रखा अपना पक्ष
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने भी इस मामले में अपनी बात रखी है उनका कहा है कि इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिमाचल सरकार का ऐसा कोई आधिकारिक आदेश नहीं है। शुक्ला ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने स्ट्रीट वेंडर की समस्या के समाधान के लिए एक समिति बनाई है, जो सुनिश्चित करेगी कि रेहड़ी वालों को उचित स्थान मिले।
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कांग्रेस पर उठ रहे थे सवाल
इस बीच, विक्रमादित्य सिंह के पिछले बयान के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा शुरू हो गई थी कि क्या हिमाचल प्रदेश में यूपी जैसी योजनाएं लागू की जा रही हैं। भाजपा ने आरोप लगाया कि जब यूपी सरकार ने पहचान पत्र अनिवार्य किया था, तब कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। अब अगर कांग्रेस के मंत्री खुद आई-कार्ड की बात कर रहे हैं, तो यह कैसे उचित हो सकता है?
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इन्हीं सब के बीच विक्रमादित्य और राजीव शुक्ला ने अपनी बात को स्पष्ट करने का प्रयास किया। विक्रमादित्य ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल कानून और व्यवस्था बनाए रखना है और हम कोई भी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो प्रदेश की सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखे।