मंडी। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी द्वारा पर्यटन विभाग के होटलों को लेकर उनपर लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। कांग्रेस ने दावा किया था कि जयराम सरकार के कार्यकाल में भी इन होटलों को निजी हाथों में सौंपा गया था। जिसकी जांच प्रदेश सरकार करवाने की बात कर रही है।
जयराम ने आरोपों को नकारा
जयराम ठाकुर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने मंडी में कहा कि प्रदेश सरकार चाहे तो खुले मन से जांच करवा सकती है। वे हर प्रकार की जांच के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस सरकार ने रचा षड्यंत्र
जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के होटलों को बेचने की साजिश पहले ही रच ली थी। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा षड्यंत्र है और प्रदेश को बेचने की कोशिश की जा रही है, जिसे जनता को समझना चाहिए। उनका कहना है कि सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों का पर्दाफाश हो रहा है और इससे बचने के लिए अब विपक्ष पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में कल यहां होगा कैंपस इंटरव्यू, एक क्लिक में जानें पूरी डिटेल
हिमाचल को नीलाम करने पर तुली कांग्रेस
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार हिमाचल को नीलाम करने पर तुली हुई है। उन्होंने नई दिल्ली स्थित हिमाचल सदन को अटैच करने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया कि लाभ में चल रहे होटलों को भी घाटे में दिखाकर क्यों नीलाम किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल की शादियों में शराब परसोने पर लगी पाबंदी! जानिए क्या है पूरा मामला
घाटे में दिखाए गए होटल
उन्होंने कहा कि शिमला, मनाली और धर्मशाला जैसे स्थानों के कुछ होटल फायदे में चल रहे थे और उनकी आय से अन्य होटलों के खर्च पूरे हो रहे थे। फिर भी सरकार ने इन्हें घाटे में दिखाकर नीलामी का प्रयास किया। उन्होंने इस पूरे मामले की सच्चाई जनता के सामने आने की आवश्यकता बताई।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में CPS रहेंगे या नहीं? आज सुप्रीम कोर्ट में फैसले पर होगी सुनवाई
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के 18 सरकारी होटलों को बंद करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं। इन होटलों में सोलन, धर्मशाला, मनाली और कुल्लू के होटल शामिल हैं। इस फैसले के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर प्रदेश की संपत्तियों को नष्ट करने और गलत नीतियों के तहत निर्णय लेने का आरोप लगाया है।