शिमला। हिमाचल प्रदेश में चल रही खस्ता आर्थिक स्थिति के बीच सुक्खू सरकार ने वित्त महकमें को सख्त करने के निर्देश दिए है। सरकार के प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों को वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की हिदायत दी है। इस संबंध में लोक लेखा समिति की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता को स्पष्ट किया है।
कार्रवाई की चेतावनी
बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की लगातार वित्तीय अनुशासन की बात को देखते हुए वित्त विभाग ने इस दिशा में कदम उठाने का निर्णय लिया है। जारी किए गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि विभागों ने वित्तीय अनुशासन का पालन नहीं किया, तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। वित्तीय प्रबंधन में सुधार लाने के लिए आवश्यक उपायों पर जोर दिया गया है।
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दिए गए हैं निर्देश
विभागों को निर्देश दिया गया है कि भंडार सामग्री की खरीद वास्तविक जरूरत के अनुरूप सीमित रखी जाए। साथ ही अंतिम महीने और तिमाही में बजट खर्च करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की आवश्यकता है। बकाया राशि की वसूली के लिए विशेष अभियान चलाने और अधिक से अधिक वसूली सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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गैर जिम्मेदाराना व्यय पर रोक
वहीं, वित्त विभाग की पूर्व अनुमति के बिना अतिरिक्त व्यय करने वाले आहरण एवं संवितरण अधिकारियों और विभागाध्यक्षों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि खजाने से राशि निकालने की गैर जिम्मेदाराना प्रवृत्ति को रोका जाएगा। जिन विभागों द्वारा वित्त और योजना विभाग की मंजूरी के बिना धन का दुरुपयोग किया गया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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धन का सही उपयोग
बता दें कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि समिति ने वित्तीय अनुशासन की अनुपालना में कमी पर आपत्ति जताई है। वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करना न केवल सरकारी धन का सही उपयोग सुनिश्चित करता है, बल्कि विकास योजनाओं की सफलता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि वित्तीय अनुशासन का पालन किया जाए।