#राजनीति

December 21, 2024

सुक्खू सरकार ने दिया सरकारी कर्मचारियों को जोर का झटका- OPS के नियमों में बदलाव

शेयर करें:

शिमला। हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के लागू होने के बाद सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक और बड़ा झटका दिया है। विधानसभा सत्र में, सुक्खू सरकार ने सरकारी कर्मचारियों से जुड़े सेवा और भर्ती नियमों में संशोधन विधेयक पेश किया, जिसे पारित कर दिया गया है। इस विधेयक के बाद सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। खासकर उन कर्मचारियों को जो कांट्रेक्ट बेस पर काम कर रहे हैं।

विधेयक के तहत क्या बदलाव किए गए?

प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक के तहत अब कांट्रेक्ट कर्मचारियों को ज्वाइनिंग से लेकर आर्थिक और प्रमोशन का लाभ नहीं मिलेगा। जब यह कर्मचारी नियमित होंगे, तभी उन्हें प्रमोशन और अन्य फायदे मिलेंगे। इस नए संशोधन ने नियमित और अनुबंध कर्मचारियों के बीच सेवा शर्तों को अलग कर दिया है, जिससे कांट्रेक्ट कर्मचारियों के लिए नुकसान की संभावना है। यह भी पढ़ें : सरकार का कमाल! HRTC के 96 फीसदी रूट घाटे में- फिर भी समय पर मिल रहा वेतन

विपक्ष ने किया विरोध

विपक्षी विधायक त्रिलोक जम्वाल, जीत राम कटवाल और रणधीर शर्मा ने इस संशोधन का विरोध किया। रणधीर शर्मा ने इसे पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी करार देते हुए कहा कि अनुबंध कर्मचारी भी भर्ती की सभी शर्तों को पूरा करते हैं। उन्होंने सरकार से यह विधेयक वापस लेने की मांग की। बीजेपी विधायक हंसराज ने कहा कि सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है क्योंकि एक ओर ओल्ड पेंशन योजना दी जा रही है।  वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। यह भी पढ़ें : राहुल गांधी पर बरसे अनुराग ठाकुर, बोले- अहंकार से भरे हैं, माफी के लायक भी नहीं

CM सुक्खू का बयान

वहीं, इस विधेयक पर CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कुछ कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पीरियड को लेकर अदालत में गए थे और कई फैसलों के बाद कॉन्ट्रैक्ट पॉलिसी का कोई महत्व नहीं रह गया था। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य कॉन्ट्रैक्ट शब्द को कम करना है और पॉलिसी में जो कमियां थीं उन्हें दूर किया जा रहा है। सीएम ने इसे प्रदेश हित में एक जरूरी कदम बताया और कहा कि प्रमोशन चैनल प्रभावित न हो इसके लिए यह संशोधन लाया गया है। यह भी पढ़ें : हिमाचली महिलाओं की उड़ीसा में जीत- पहला स्थान हासिल कर बढ़ाया प्रदेश का मान

कौन-कौन से कर्मचारी प्रभावित होंगे?

यह नया संशोधन विधेयक 2003 से लागू होगा और इसका असर 21 साल पहले नौकरी पर लगे कर्मचारियों पर भी पड़ेगा। पहले प्रदेश में कॉन्ट्रैक्ट पीरियड 8 साल था, जिसे बाद में 5, 3 और 2 साल कर दिया गया। यह भी पढ़ें : हिमाचल : रेस पर काबू न पा सका युवक- पिल्लर से टकराई बाइक, नहीं बच पाया अब, इन कर्मचारियों को प्रमोशन और एरियर का लाभ नहीं मिलेगा और बीते समय में मिली प्रमोशन और पैसे को वापस भी लिया जा सकता है। इस संशोधन विधेयक ने सरकारी कर्मचारियों के बीच असंतोष पैदा कर दिया है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो लंबे समय से कांट्रेक्ट बेस पर काम कर रहे हैं।

पेज पर वापस जाने के लिए यहां क्लिक करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख