शिमला। हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों और सुक्खू सरकार में ठनी अदावत किसी से नहीं छिपी है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर के भुगतान की घोषणा न होने से कर्मचारी नाराज चल रहे कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला।
जिसके बाद कई कर्मचारी नेताओं पर सरकार ने एक्शन लिया और विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी जारी किया। इसके बाद हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ ने एक बार फिर कर्मचारियों की वार्ता बुलाई थी।
CM ने की मिलने की इच्छा जाहिर
अब खबर आ रही है कि कर्मचारियों को मुख्यमंत्री के सचिव से संदेश प्राप्त हुआ है कि सीएम सुक्खू उनसे 3 से 4 दिनों के अंदर वार्ता करेंगे।
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सीएम ने इच्छा जाहिर की है कि कर्मचारी अपनी दिक्कतों के बारे में सीधे मुख्यमंत्री को बताएं और उसका निवारण किया जा सके। जिसके बाद सचिवालय सेवा परिसंघ ने आज होने वाली अपनी आम सभा को स्थगित करने का फैसला लिया है।
स्थगित हुई आम सभा
इन सब के बीच आज होने वाली सभा पर विराम लग गया है। बता दें कि वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार को डीए की तीन किस्त कर्मचारियों को देनी है। कर्मचारियों को अभी छठे वेतनमान का संशोधित एरियर भी नहीं मिला है, जिसकी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल रखा है।
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कर्मचारी नेताओं पर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
बता दें कि कर्मचारी नेताओं पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा ही विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया था। जिसके बाद अब 15 जिन में रिपोर्ट भेजी जानी और यह जांच रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी जाएगी। वहीं, इस पर विषय पर अगला निर्णय लेंगे।विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को एक पत्र लिखा गया जिसमें कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों से जवाब मांगा गया है।
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कर्मचारी नेताओं ने की थी ये टिप्पणियां
बता दें कि कर्मचारियों द्वारा सरकार के खिलाफ खोले गए आंदोलन में सरकार में मंत्री राजेश धर्माणी को का नाम लेकर उन्हें ललकारा था। जिसके बाद हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं संगठन एवं सचिवालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा, महासचिव कमल किशोर शर्मा के साथ ही सचिवालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन, चालक संघ और अन्य एसोसिएशन से जुड़े नेताओं के खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी वीडियो
आंदोलन के दौरान डीए व संशोधित वेतनमान का एरियर जारी करने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने जनरल हाऊस बुलाया था। जिसमें सरकार पर भी कई कर्मचारी नेताओं ने टिप्पणी की थी। इससे जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जिसके बाद कंडक्ट रूल के तहत 6 कर्मचारी नेताओं को नोटिस भी जारी किए गए थे।
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कर्मचारियों ने दिए थे जवाब
कंडक्ट रूल के तहत कर्मचारी नेताओं को मिले नोटिस का जवाब भी दिया जा चुका था। जिसके बाद संबंधित कर्मचारी नेताओं पर सरकार एक्शन लेने के मोड में आ चुकी है।
हालांकि विधानसभा के मानसून सत्र तक कर्मचारियों ने अपना आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया था। हालांकि इस खबर के बाद अब कर्मचारी संघ क्या करता है यह देखने वाला विषय रहेगा।