शिमला। हिमाचल सरकार ने साल 2024 में कुछ ऐसे फैसले किए जिसके कारण वे काफी चर्चा में रही। पूरे देश की नेशनल मीडिया की नजर से जो कांड नहीं बच पाए उनमें से समोसा कांड से लेकर टायलेट टैक्स शामिल है। जहां एक ओर सुक्खू सरकार की किरकिरी हुई वहीं, सरकार के नुमाइंदे इस मुद्दे पर अपनी बातों को रखते हुए भी नजर आए। एक-एक कर सभी मुद्दों पर चर्चा कर लिए चलते हैं।
समोसे कांड बनी नेशनल चैनल पर सुर्खियां
नवंबर महीने में CM सुक्खू का समोसा कांड सुर्खियों में आया। 21 अक्टूबर को सीएम सुक्खू पुलिस मुख्यालय के एक कार्यक्रम में गए थे, जहां CID अधिकारियों ने उनके लिए समोसा और गुलाब जामुन ऑर्डर किए। लेकिन जब CM पहुंचे तो यह समोसा और गुलाब जामुन उनके स्टाफ को परोस दिए गए, क्योंकि CM के मेन्यू में यह आइटम शामिल नहीं थे।
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जंगली मुर्गा कांड भी इस सरकार के नाम
13 दिसंबर को हिमाचल के CM सुक्खू शिमला जिला के दुर्गम क्षेत्र चौपाल के नेरवा गए थे, जहां रात के डिनर में उन्हें स्थानीय लोगों ने जंगली मुर्गा पेश किया। वीडियो में CM सुक्खू खुद यह बात स्वीकार करते हुए दिख रहे हैं। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पूरे प्रदेश में बवाल मच गया और कांग्रेस सरकार की आलोचना शुरू हो गई।
टॉयलेट टैक्स पर घिरी सुक्खू सरकार
21 सितंबर को कांग्रेस सरकार ने टॉयलेट टैक्स को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसे भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बना दिया। हालांकि यह टैक्स पूर्व जयराम सरकार में भी लागू किया गया था, लेकिन जिस तरह से अधिकारियों ने नोटिफिकेशन जारी किया, उससे सरकार बैकफुट पर आ गई और यह मुद्दा अक्टूबर महीने में सुर्खियों में रहा।
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सैलरी टाइम पर नहीं दे पाई सरकार
अगस्त महीने में पहली बार हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को समय पर सैलरी और पेंशन नहीं मिली। कर्मचारियों को 5 तारीख को और पेंशनर्स को 10 तारीख को पेंशन दी गई। इस मामले ने भी कांग्रेस सरकार की खूब आलोचना करवाई।
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हिमाचल भवन दिल्ली पर विवाद
हिमाचल हाईकोर्ट ने एक कंपनी की प्रीमियम राशि न लौटाने के मामले में दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश दिए। इस फैसले से सरकार की किरकिरी हुई, हालांकि डबल बेंच ने इस आदेश पर रोक लगा दी और सरकार को राहत दी।
HPTDC के होटल बंद
हिमाचल हाईकोर्ट ने सरकारी उपक्रम HPTDC के रिटायर कर्मियों के वित्तीय लाभ न देने पर निगम के 18 होटल बंद करने का आदेश दिया। इस मुद्दे पर विपक्ष ने सुक्खू सरकार पर तीखे हमले किए, हालांकि बाद में कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी।
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प्रतिभा सिंह मंच पर रोका
11 दिसंबर को कांग्रेस ने बिलासपुर में अपनी सरकार के दो साल पूरे होने का जश्न मनाया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को मंच पर बोलने का मौका नहीं दिया गया, जिस पर वह नाराज हो गईं। इस घटना ने कांग्रेस के भीतर की गुटबाजी को भी उजागर किया।
IPS इल्मा अफरोज की छुट्टियां
हिमाचल की युवा IPS अधिकारी इल्मा अफरोज की वजह से भी कांग्रेस सरकार की आलोचना हुई। 7 और 8 नवंबर को CM सुक्खू ने सभी जिलों के डीसी और एसपी की बैठक ली, जिसके बाद इल्मा अफरोज ने रातोंरात अपना सामान पैक किया और अपनी मां के साथ यूपी स्थित अपने गांव चली गईं। 42 दिन की छुट्टी के बाद इल्मा अफरोज 16 दिसंबर को ड्यूटी पर लौटी। इस दौरान सुक्खू सरकार की खूब किरकिरी हुई, क्योंकि इल्मा का दून के विधायक राम कुमार चौधरी से टकराव चल रहा था।
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शिमला का मस्जिद विवाद
वहीं, संजौली मस्जिद विवाद 31 अगस्त को शिमला के मैहली में दो गुटों के बीच झगड़े के बाद सुर्खियों में आया। इस दौरान संजौली मस्जिद से कई आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। 1 सितंबर को मस्जिद के बाहर प्रदर्शन हुआ और 5 सितंबर को एक बार फिर संजौली और चौड़ा मैदान में विरोध प्रदर्शन किए गए।
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5 अक्टूबर को निगम आयुक्त ने तीन मंजिलों को तोड़ने का आदेश दिया। इस बीच मंडी मस्जिद के मामले ने भी तूल पकड़ा, जिसमें निगम आयुक्त ने उसे भी तोड़ने के आदेश दिए।