मंडी। हिमाचल के मंडी जिला स्थित जल शक्ति विभाग के बग्गी मंडल कार्यालय में भ्रष्टाचार को लेकर विजिलेंस टीम ने दबिश दी। यह दबिश विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी की आ रही शिकायतों के आधार पर की गई है। बता दें कि विजिलेंस की 7 सदस्य टीम कार्यालय पहुंची और रात 10 बजे तक दस्तावेजों की जांच करती रही।
डिप्टी सीएम के महकमे पर लगे आरोप
प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के विभाग से जुड़े इस मुद्दे में विजिलेंस ने जल शक्ति विभाग के बग्गी के विभागीय कर्मियों से पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि लंबे समय से विभागीय अधिकारियों पर चुनिंदा ठेकेदारों को ही लाभ पहुंचाने के लिए काम आवंटित करने के आरोप लग रहे थे। सुंदरनगर से नामी ठेकेदार द्वारा राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो शिमला में कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत की गई थी।
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ठेकेदारों ने की शिकायत
शिकायत में विभाग के आधा दर्जन अधिकारियों पर आरोप लगाए गए है। ठेकेदारों द्वारा शिकायत में कहा गया है कि नियमों को ताक में रखकर विभाग के अधिकारियों ने करीब 1400 निविदाएं की हैं। जिनमें सामान्य वित्त नियम की पूरी तरह से अनदेखी की गई है।
ये हैं आरोप
- कई पंपिंग मशीनरी को बिना तकनीकी जांच किए बिना ही काम सौंप दिया गया।
- गलत मशीनरी और सामान का चयन कर खरीद की गई है।
- अधिकारी द्वारा खुले बाजार से बहुत अधिक दरों पर सामग्री और जनरेटर खरीदे हैं।
- विभागीय मानक दरों का उल्लंघन करते हुए उच्च दरों का भुगतान किया गया है।
- RTI मांगने पर आंकड़ा प्रस्तुत नहीं किया गया।
- पुरानी पंपिंग मशीनरी को बिना किसी योजना की आवश्यकता के बदला गया।
- कोई भी बदली गई पंपिंग मशीनरी रिकॉर्ड में नहीं ली जा रही है।
सभी आरोप निराधार- अधिशासी अभियंता
वही इस मामले की जानकारी देते हुए अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग मंडल बग्गी हर्ष शर्मा ने बताया कि सभी आरोप निराधार हैं। उनका कहना है कि ठेकेदारों द्वारा लगाए गए आरोपों का वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है।
क्या कहती है विजिलेंस
वहीं, SP विजिलेंस मंडी कुलभूषण वर्मा ने बताया कि जल शक्ति विभाग मंडल कार्यालय बग्गी में अनियमितों और भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी, जिस पर विभाग की टीम ने जांच शुरू कर दी है।
विधायक इंद्र सिंह गांधी ने भी उठाई आवाज
बता दें कि बल्ह विधानसभा से विधायक इंद्र सिंह गांधी ने भी जल शक्ति विभाग मंडल बग्गी के अधिकारियों पर आरोप लगाए थे कि अधिकारी मौजूदा सरकार के दबाव में मनमर्जी कर रहे हैं। कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को ही लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर ठेकेदारों को किए गए कार्यों की पेमेंट भी नहीं दी जा रही है, जिससे ठेकेदारों को अपना जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है।