मंडी। हिमाचल में छह बार के मुख्यमंत्री रहे स्व राजा वीरभद्र सिंह और हिमाचल प्रदेश की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम के बीच हमेशा ही छत्तीस का आंकड़ा रहा। आज यह दोनों ही दिग्गज नेता इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन इनके परिवारों के बीच की जंग आज भी जारी है। इसका खुलासा आज खुद भाजपा विधायक और पंडित सुखराम के बेटे अनिल शर्मा ने कर दिया है। अनिल शर्मा ने आज खुले मंच यह बात कही है।
खुले मंच से अनिल शर्मा ने जगजाहिर की लड़ाई
दरअसल मंडी सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा आज पंडोह के साथ लगते स्योगी में माता त्रिपुरा बूढ़ी भैरवा मेले के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने खुले मंच से कहा कि स्व. वीरभद्र परिवार के साथ उनके परिवार की जो आर पार की लड़ाई चल रही है, वह आज भी जारी है। इस लड़ाई का अंजाम विक्रमादित्य सिंह ने अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भुगता है।
विक्रमादित्य को अनिल शर्मा ने दिया था जवाब
अनिल शर्मा ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद जब वह शिमला में थे तो उनकी मुलाकात लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मंडी से प्रत्याशी रहे विक्रमादित्य सिंह से हुई थी। उस समय विक्रमादित्य सिंह ने चुनावों के दौरान उनके खिलाफ कही गई बातों पर अपनी बात रखी थी। जिस पर अनिल शर्मा ने जवाब दिया था कि जो आर पार की लड़ाई है वह आज भी जारी है।
दोनों परिवारों की लड़ाई का विक्रमादित्य को कहां हुआ नुकसान
अनिल शर्मा ने कहा कि इसी लड़ाई के चलते ही विक्रमादित्य सिंह मंडी से लोकसभा चुनाव हार गए और कंगना रनौत ने बड़ी लीड के साथ चुनाव जीता। अनिल शर्मा ने कहा कि कंगना रनौत इतिहास रच कर केंद्र में पहुंची है। कंगना उसी क्षेत्र से आती है, जहां आज मेरा बेटा भी कामयाबी की तरफ बढ़ रहा है। मंडी की जनता हर बार उनका साथ देती है, जिसके लिए वह उनका सदा अभारी रहेंगे।
कांग्रेस नेताओं पर कसा तंज
अनिल शर्मा ने कहा कि आज वह भले ही विपक्ष के विधायक हैं, बावजूद इसके वह मंडी सदर के लिए नई योजनाएं भी ला रहे हैं और पैसा भी। उन्होंने मंडी सदर के कांग्रेस नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि अगर उनमें दम है तो वह अपनी सरकार से क्षेत्र के विकास के लिए पैसा लेकर आएं। उन्होंने अभी हाल ही में जब किसी विधायक को पैसा नहीं मिल रहा था, तब भी वह सीएम से मिलकर मंडी शहर के बाइपास के लिए 22 करोड़ की राशि स्वीकृत करवाकर ले आए।
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पंडित सुखराम की कर्मभूमि पर बनेगा डे बोर्डिंग स्कूल
अनिल शर्मा ने बताया कि मंडी का कोटली क्षेत्र स्व पंडित सुखराम की जन्म और कर्मभूमि रही है। पंडित सुखराम की इसी कर्मभूमि में प्रदेश में मौजूद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जल्द ही राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का आश्वासन दिया है और इसके लिए उन्होंने 50 बीघा जमीन को तलाशने का काम शुरू कर दिया है। जल्द ही जमीन की तलाश पूरी करके इस स्कूल के भवन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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राजनीति के चाणक्य का कौन सा सपना नहीं हुआ पूरा
दरअसल राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम का सपना था कि वह हिमाचल के मुख्यमंत्री बनें, लेकिन वीरभद्र सिंह के रहते वह कभी इस सपने को पूरा नहीं कर पाए। पहली बार 1998 में सुखराम जब कांग्रेस से अलग हुए तो उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी का जब गठन किया। उसके बाद 1998 विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को 31.31 सीटें मिलीं, लेकिन पंडित सुखराम की हिविकां ने धूमल को समर्थन दिया।
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कांग्रेस से क्यों निकाल दिए थे पंडित सुखराम
दूरसंचार घोटाले में फंसने के बाद पंडित सुखराम को कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया था। हिमाचल में कांग्रेस में रहते हुए पंडित सुखराम की वीरभद्र सिंह के साथ कभी नहीं बनी। प्रदेश में अपना अलग जनाधार रखते वाले सुखराम ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को मंडी जिले से 10 में से 9 सीटें दिलाईं।