शिमला। हिमाचल प्रदेश में फरवरी माह में पर्ची सिस्टम से राज्यसभा सांसद बने हर्ष महाजन की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। हर्ष महाजन की उस अर्जी को प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 3 सितंबर को तेलंगाना में होने वाले राज्यसभा चुनाव के दृष्टिगत मामले की सुनवाई टालने का आग्रह किया था।
यह हवाला देकर हर्ष महाजन ने दी थी अर्जी
बता दें कि, हिमाचल में राज्यसभा सांसद प्रत्याशी रहे अभिषेक मनु सिंघवी को कांग्रेस ने अब उन्हें तेलंगाना से राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है। 3 सितंबर को तेलंगाना में राज्यसभा चुनाव हैं। जिसके चलते आज हाईकोर्ट में हर्ष महाजन ने एक अर्जी दी। जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि, अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से राज्यसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में यहां चल रहे केस पर इसका असर पड़ेगा।
सिंघवी के वकील ने अदालत में जताया था विरोध
हर्ष महाजन ने अर्जी में इस केस की सुनवाई को डेफर करने की मांग की थी। मगर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पक्ष को सुनने के साथ ही हर्ष महाजन की अर्जी को खारिज करते हुए बहस शुरू करने को कह दिया।
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अब इस मामले में कल भी सुनवाई की जाएगी। अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से हाईकोर्ट में केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट नीरज गुप्ता ने बताया कि, हर्ष महाजन की अर्जी का कोर्ट में विरोध किया गया और अदालत ने विरोध स्वीकारते हुए अर्जी को खारिज कर दिया।
यह है असल मामला
विदित हो, प्रदेश में बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में भाजपा के हर्ष महाजन और कांग्रेस के सिंघवी को 34-34 वोट मिले थे। यह मुकाबला बराबरी पर छूटने के बाद पर्ची द्वारा हर्ष महाजन को विजेता घोषित किया गया था। जिसके 40 दिन बाद कांग्रेस प्रत्याशी ने हिमाचल हाईकोर्ट में एक याचिका डालकर चुनौती दी थी कि, लॉटरी निकालने का जो फॉर्मूला है वह गलत है।
चुनाव को लीगल ग्राउंड पर चुनौती
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सिंघवी ने कहा कि, असल में पर्ची में जिसका नाम निकलता है, उसकी जीत होनी चाहिए। मगर यहां हर्ष महाजन का नाम न निकलने के बाद भी उन्हें विजेता घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि, एक्ट में ऐसा कोई नियम नहीं है, लेकिन नियम में यह धारणा है। इसलिए उस नियम के तहत उसे चुनौती दी गई है। इसके अलावा सिंघवी ने चुनाव को लीगल ग्राउंड पर चुनौती दी है।
पर्ची के निर्णय पर एतराज
कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी के अनुसार, जब मुकाबला बराबरी पर छूटता है तो ऐसे में पर्ची द्वारा निर्णय लिए जाते रहे हैं। मगर जिसके नाम की पर्ची निकलती है उसे विजेता घोषित किया जाता है लेकिन यहां जिसकी पर्ची निकली उसे उसे हारा हुआ डिक्लेयर किया गया है।