शिमला। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर सरकार के दो मंत्रियों ने जुबानी हमला बोला है। यह हमला जयराम ठाकुर पर उनके द्वारा बीते दो दिन पहले दिए गए एक बयान को लेकर किया गया है।
जिसमें उन्होंने कहा था कि, सरकार अपने मंत्रियों के लिए करोड़ों रुपए के ऑफिस बना सकती है, अपनी सरकारी कोठियां चमका सकती है तो बच्चों की शिक्षा देने वाले स्कूल नहीं चला सकती है ?
मंत्रियों ने पूर्व की दिलाई याद
नेता प्रतिपक्ष जयराम के इस बयान पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, केवल सरकार के मंत्रियों की कोठियों पर ही पैसा खर्च नहीं हुआ है,
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बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री की सरकारी कोठी की मरम्मत पर भी सरकार के लाखों रुपए खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि, पूर्व में भी तो मंत्रियों के कार्यालय व कोठियों की मरम्मत का काम समय-समय पर होता रहा है।
सरकार के दो मंत्री हुए मुखर
इस पर सरकार के दो मंत्रियों रोहित ठाकुर व विक्रमादित्य सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सुर्खियों में रहना चाहते हैं। इसलिए सरकार पर आधारहीन आरोप लगाते रहते हैं। दोनों मंत्रियों ने मुखर होते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ भाजपा के अन्य नेताओं को सकारात्मक रूप से विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए, जिससे सूबे का विकास हो।
कहा भाजपाई नेता केंद्र में बना रहे दबाब
उन्होंने कहा कि, नेता प्रतिपक्ष बार-बार दिल्ली जाकर केन्द्रीय मंत्रियों से हिमाचल को मिलने वाली आर्थिक मदद में अड़ंगा लगा रहे हैं। साल 2023 में आपदा से हुए 10 हजार करोड़ रुपए का क्लेम केंद्र सरका को भेजा गया था।
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मगर यह सब भाजपा नेताओं के दबाब से केंद्र द्वारा रोका जा रहा है। साथ ही कर्मचारियों की NPS के जो 9200 करोड़ रुपए केंद्र सरकार के पास फंसे हुए हैं, इसके लिए भी भाजपाई नेताओं को प्रदेश सरकार की मदद करनी चाहिए।
विक्रमादित्य बोले केंद्र ने लगाए कई तरह के प्रतिबंध
लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करने पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने लोन लेने की सीमा तक घटा दी है। जिससे हिमाचल सरकार को 1200 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि GST प्रतिपूर्ति भी केंद्र सरकार ने अब समाप्त कर दी है।
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नेता प्रतिपक्ष ने घेरा था सरकार को
विदित हो, दो दिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में कम संख्या वाले या जीरो संख्या वाले कई स्कूलों को बंद करने पर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि, जब सरकार अपने मंत्रियों के लिए करोड़ों रुपए की लागत के ऑफिस बना सकती है, असंवैधानिक रूप से CPS की नियुक्तियां कर उन पर करोड़ों रुपए खर्च कर सकती है तो बच्चों को शिक्षा देने वाले स्कूलों को सरकार क्यों नहीं चला सकती।
कहा- संस्थान बंद करने का लुत्फ ले रही प्रदेश सरकार
नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि, अगर एनरोलमेंट जीरो है तो सरकार को उन कारणों पर भी बात करनी चाहिए। मगर सरकार संस्थान बंद करने का लुत्फ उठा रही है। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि,
लाहौल जैसी जगह में गांवों की आबादी क्या है? एक गांव से दूसरे गांवों के बीच की दूरी क्या है? वहां तक स्कूली बच्चे कैसे पहुंचेंगे? इन सब जरूरी पहलुओं पर सरकार ने कोई गौर नहीं किया।