शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार गले तक कर्ज में डूब चुकी है। ऐसे में जहां सरकार एक ओर अपने मासिक खर्च तक लोन लेकर चला रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार की मुसीबतें अदालतों से आए पांच फैसलों के बाद और बढ़ गई हैं।
यह सब मामले कॉन्ट्रेक्ट के बाद मिलने वाले नए वेतन आयोग के एरियर, सिनयोरिटी, दैनिक वेतन भोगियों के भुगतान और कॉन्ट्रैक्ट अवधि की पेंशन को लेकर हैं। साथ ही इन मामलों पर आए फैसलों को लागू करने के लिए अफसरों को कोर्ट से चेतावनी तक मिल चुकी है।
वित्त प्रधान सचिव ने 22 को बुलाई बैठक
प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्त प्रधान सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों को 22 जुलाई को होने वाली बैठक के लिए सचिवालय में बुलाया है।
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साथ ही संबंधित विभागों के ब्रांच अधिकारियों को भी तमाम रिकार्ड सहित इस बैठक में उपलब्ध रहने को कहा गया है। वित्त सचिव कार्यालय से जारी हुए नोटिस के अनुसार अदालत से आए इन पांच मामलों में फैसलों पर इस बैठक में चर्चा होगी।
इन पांच मामलों पर अदालत ने सुनाए हैं फैसले
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1. सुरेंद्र कुमार बनाम हिमाचल सरकार-
इस मामले में पेंशनरों को वेतन, पेंशन और ग्रेच्युटी में संशोधित भुगतान ब्याज सहित करने की आदेश किए गए हैं।
2. बालू देवी बनाम हिमाचल सरकार-
इस केस में दैनिक भोगी की अवधि को पेंशनरी बेनिफिट के लिए लागू करने के आदेश जारी हुए हैं।
3. डा. सुनील कुमार बनाम हिमाचल सरकार-
इस मामले में भी पे-रीविजन और पेंशन के एरियर के समयबद्ध भुगतान के आदेश हुए हैं।
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4. शीला देवी बनाम हिमाचल सरकार-
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से अनुबंध की अवधि को पेंशन के लिए गिने जाने के आदेश हैं।
5. ताज मोहम्मद बनाम हिमाचल सरकार और लेखराज बनाम हिमाचल सरकार-
इस मामले में अनुबंध अवधि पर नियुक्ति तिथि से सीनियोरिटी और वित्तीय लाभ देने के आदेश हुए हैं।