शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार और संगठन में सबकुछ ठीक से नहीं चल रहा है। इस बात को कांग्रेस प्रदेश सचिव जितेंद्र ठाकुर ने अपना रिजाइन देकर प्रत्यक्ष रूप से प्रमाणित कर दिया है। जितेंद्र ठाकुर ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए अपना त्यागपत्र प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह को सौंपा है।
सरकार व संगठन में बताई समन्वय की कमी
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सचिव जितेंद्र ठाकुर ने सरकार व संगठन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए अपना इस्तीफा दिया है। जितेंद्र ने अपने इस्तीफे में साफ लिखा है कि सरकार व संगठन में समन्वय की काफी कमी है। जिस कारण हम जैसे पदाधिकारियों की अनदेखी की जा रही है और हमें दरकिनार भी किया जा रहा है।
विक्रमादित्य सिंह को भी घेरा
जितेंद्र ने बताया कि, मैं पिछले दो महीनों से लोगों के काम को लेकर लगातार प्रदेश मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहा हूं।
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मगर स्टेट सचिवालय के कुछ अधिकारी यह नहीं चाहते कि कोई पदाधिकारी मुख्यमंत्री से मिल सके। इतना ही नहीं जितेंद्र ने लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के दफ्तर पर भी कई सवाल खड़े किए हैं।
कहा सचिवालय में गुम कर दी जाती हैं फाइलें
जितेंद्र शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के तहत आते चायली से हैं। इसलिए विक्रमादित्य सिंह के दफ्तर को लेकर उन्होंने कहा कि यहां कुछ अधिकारी जनहित के काम रोक रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि यहां लोगों की फाइलें तक गुम कर दी जा रही हैं। जितेंद्र ने कहा कि विधानसभा शिमला ग्रामीण में कुछ लोग उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश भी करते हैं।
हाथ-पैर जोड़ने पर भी नहीं हो रहे जनहित के काम
जितेंद्र ने कहा कि सचिवालय में इस तरह जनहित के काम रोके जाने से हमें लोगों को जवाब तक देना मुश्किल हो रहा है। बार-बार हाथ पैर जोड़ने पर भी हमारे काम नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं साल 1990 से पार्टी की सेवा कर रहा हूं।
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सेवा के अनुरूप नहीं मिल रहा सम्मान
जितेंद्र ने बताया कि मौजूदा समय में चार विधानसभा क्षेत्र शिमला ग्रामीण, शिमला शहर, करसोग और सोलन में पार्टी संगठन का काम देख रहा हूं। मगर साढ़े तीन दशक की सेवा के अनुरूप पार्टी में जो सम्मान मिलना चाहिए था वह नहीं मिल रहा है। इन सब कारणों से आहत होकर मैं पार्टी के तमाम पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।