शिमला। हिमाचल प्रदेश में फरवरी माह में राजनीति में आए जलजले ने प्रदेश सरकार की रातों की नींद हराम कर रखी थी। वहीं, सुक्खू सरकार की स्थिरता के बाद विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में दर्ज पुलिस थाना बालूगंज में शिकायत में वित्तीय लेन-देन के पुख्ता प्रमाण मिलने शुरू हो गए हैं।
ट्रैवल एजेंट ने खोले राज
लंबे समय से चल रही इस जांच में वित्तीय लेन-देन के खुलासे अब सामने आने लगे हैं। पुलिस ने देहरादून के एक ट्रैवल एजेंट सुधीर राणा ने किया। इस पूछताछ में पुलिस के हाथ काफी कुछ आया है।
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देर शाम तक लंबी चली पूछताछ के दौरान ट्रैवल एजेंट सुधीर राणा ने बताया कि उसे विधायकों की एक लिस्ट थमाई गई थी और कहा गया था कि उसे उनके रहने और खाने पीने का प्रबंधन करना है। ट्रैवल एजेंट सुधीर राणा ने कहा कि उसे वहां से किसी भाजपा नेता द्वारा कैश में भुगतान भी किया गया था।
देहरादून में ठहरने का खर्च 40 लाख
पुलिस व SIT को ट्रैवल एजेंट ने बताया कि विधायकों के देहरादून में ठहरने का करीब 36 से 40 लाख रुपए खर्च हुआ। इस में से नकद करीब 25 लाख का भुगतान किया गया है। वहीं, ट्रैवल एजेंट ने बताया है कि इसके बाद ये विधायक देहरादून के जॉलीग्रांट से दिल्ली की ओर चौपर में रवाना हुए।
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बता दें कि पवन हंस चौपर कंपनी को 5 लाख रुपए देने की बात पूर्व विधायक KL ठाकुर ने भी कबूली है। इन सबके बाद माना जा रहा है कि शिमला पुलिस और SIT इस मामले में बड़ा खुलासा कर सकती है।
6 महीने से चल रही पूछताछ
10 मार्च को शिमला के बालूगंज थाना में सरकार को अस्थिर करने और विधायकों पर खरीद फरोख्त मामले में 6 महीने का समय बीत गया है। मामले के अनुसार आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचा था।
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शिमला पुलिस द्वारा कई विधायकों और पूर्व में रहे विधायकों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। वहीं, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी से कई दफा पूछताछ की जा चुकी है।