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June 27, 2024

एक साल में 1200 करोड़ का नुकसान: बिजली बोर्ड का घाटा 3 हजार करोड़ के पार

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में जहां बिजली का उत्पादन होता है, वहीं पर बिजली बोर्ड घाटे में चल रहा है। यह घाटा हर साल बढ़ रहा है। आलम यह है कि अब तक बिजली बोर्ड का यह घाटा 3 हजार करोड़ के आंकड़े को भी पार कर गया है। हालांकि बिजली बोर्ड घाटे को कम करने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है। जिसका उसे कुछ लाभ भी हुआ था, लेकिन इसी बीच पिछले साल प्रदेश में आई जल प्रलय ने एक बार फिर बिजली बोर्ड को गर्त में धकेल दिया। पिछले साल बिजली बोर्ड को 1200 करोड़ का नुकसान हुआ था।

पिछली बरसात ने 1200 करोड़ का किया नुकसान

एक तरफ हिमाचल सरकार के जनता को फ्री बिजली देने के वादे और दूसरी तरफ बरसात की मार ने बिजली बोर्ड की कमर तोड़ दी है। अपने घाटे को कम करने के लिए बिजली बोर्ड ने टैरिफ बढ़ाने की भी मांग की थी, जिससे बिजली बोर्ड के राजस्व को बढ़ाया जा सके, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। बिजली बोर्ड के मन माफिक टैरिफ ना बढ़ाना भी घाटे को बढ़ा रहा है। यह भी पढ़ें: बंबर ठाकुर का बेटा अरेस्ट: सरेंडर करने से पहले ही उठा ले गई पुलिस

सरकार भी नहीं कर पाई पूरी मदद

बता दें कि पिछले साल हिमाचल में आई जलप्रलय ने बिजली बोर्ड को भारी नुकसान किया था। हालांकि प्रदेश की सुक्खू सरकार ने घाटे की भरपाई करने के लिए बिजली बोर्ड की कुछ मदद जरूर की थी, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान थी। बिगड़ती आर्थिक स्थिति से जूझ रही हिमाचल सरकार बिजली बोर्ड की ज्यादा मदद नहंी कर पाई, जिसके चलते बिजली बोर्ड को काफी नुकसान उठाना पड़ा। यह भी पढ़ें: गर्मी के बीच खड्ड में नहाने गया था अभिनव: उसी में डूबा- 24 साल थी उम्र

केंद्र के उदय प्रोजेक्ट करेंगे मदद

राज्यों के बिजली बोर्ड को घाटे से उबारने के लिए कंेद्र सरकार ने उदय प्रोजेक्ट दिया है, इस प्रोजेक्ट में हिमाचल बिजली बोर्ड भी शामिल है। इस प्रोजेक्ट में कई तरह की नई योजनाएं चलाई गई हैं। यह भी पढ़ें: हिमाचल में तबाही लेकर आई बारिश: दर्जन भर सड़कें बंद- पसरा पड़ा है मलबा जिससे करोड़ों की धनराशि केंद्र सरकार की ओर से बिजली बोर्ड को मिली थी, लेकिन उसका भी अभी तक पूरा लाभ बिजली बोर्ड को नहीं पाया है। लेकिन अब उदय बोर्ड को सही तरीके से संचालित कर हिमाचल बिजली बोर्ड अपने घाटे से उबरने का प्रयास करेगा।

इलेक्ट्रॉनिक मीटर कम करेंगे घाटा

बिजली बोर्ड घाटे को कम करने के लिए हिमाचल में इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाने पर काम कर रहा है। इन मीटरों के लगने के बाद बिजली के बिल की दिक्कतें खत्म हो जाएंगी और बिजली का पूरा लेखा जोखा विभाग के सामने होगा। बिजली बोर्ड को पहले वाले मीटरों से भी खासा नुकसान हुआ था। वहीं उन मीटरों में बिजली बिल काटने के लिए अलग से कर्मचारियों की नियुक्ति भी करनी पड़ती थी। यह भी पढ़ें: कहां से आएगा पैसा: 5 साल में सैलरी-पेंशन के लिए ही चाहिए 2.11 लाख करोड़ माना जा रहा है कि आने वाले समय में बोर्ड अपने नए प्रोजेक्टों के सहारे और दूसरे कई उपाय अपनाने के बाद अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर लेगा। फिलहाल उसका घाटा बढ़ा हुआ है जिसे कम करने के लिए तेजी के साथ काम करना जरूरी है।

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