शिमला। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के शौचालय टैक्स की हर तरफ चर्चा हो रही है। प्रति सीट पर 25 रुपए टैक्स को लेकर हर कोई सुक्खू सरकार को कोस रहा है। हर तरफ हो रही अपनी अलोचना को देखते हुए अब सीएम सुक्खू ने यू टर्न ले लिया है। वहीं इस मामले में अपनी सफाई भी दी है। सीएम सुक्खू इस समय दिल्ली में हैं।
सीएम सुक्खू ने दी सफाई
हिमाचल में 25 रुपए टॉयलेट सीट शुल्क वसूलने वाले विवाद पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली में कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। सीएम ने हिमाचल प्रदेश में शौचालय कर लगाए जाने के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार का ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं है। राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह की बेतुके और आधारहीन बयानों से परहेज किया जाना चाहिए।
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क्या था पूरा मामला
बता दें कि हिमाचल की सुक्खू सरकार ने ग्रामीण इलाकों में निशुल्क पेयजल की सुविधा को बंद कर दिया है। उसके बाद पानी की दरों को लेकर नई अधिसूचना जारी की गई थी। उसमें शहरी इलाकों में प्रति टॉयलेट सीट पर 25 रुपए मासिक शुल्क वसूलने के आदेश भी दिए गए। इस शुल्क का पैसा जल शक्ति विभाग को जाएगा। इस बारे में जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की तरफ से जो आदेश जारी किए गए हैं।
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टॉयलेट सीट पर 25 रुपए प्रति माह लगाया था शुल्क
जारी की गई अधिसूचना के अनुसार शहरी इलाकों में जहां जल शक्ति विभाग का सीवरेज सिस्टम प्रयोग किया जा रहा है, वहां प्रति टॉयलेट सीट पर 25 रुपए शुल्क वसूला जाएगा। आदेश में कहा गया है कि कुछ प्रतिष्ठान खुद का पानी का सोर्स प्रयोग करते हैं, लेकिन सीवरेज सिस्टम जल शक्ति विभाग का प्रयोग कर रहे हैं। वहां प्रति सीट प्रति महीने 25 रुपए शुल्क लिया जाएगा।
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निर्मला सीतारमण जेपी नड्डा ने घेरी सुक्खू सरकार
सुक्खू सरकार के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर हो हल्ला मच गया। हिमाचल बीजेपी नेताओं ने ही नहीं बल्कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी एक्स पर पोस्ट डाल कर इस शर्मनाक बताया। वहीं हिमाचल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी शौचालय टैक्स पर सुक्खू सरकार को जमकर घेरा। हर तरफ से अपनी किरकिरी होता देख अब सीएम सुक्खू ने यू टर्न ले लिया है। वहीं जल शक्ति विभाग ने भी अपने सोशल मीडिया पन्ने पर एक स्पष्टीकरण जारी किया है।
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क्या बोले ओंकार शर्मा
जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि 21 सितंबर को इसको लेकर अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन उसी दिन उसे वापस भी ले लिया गया था। ओंकार शर्मा ने कहा कि 21 सितंबर को इस अधिसूचना को तैयार कर डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के पास भेजा गया था। डिप्टी सीएम का मानना था कि ये 25 रुपए टॉयलेट शुल्क वाली शब्दावली कुछ अजीब सी लग रही है, ऐसे में उसे वापस लिया गया और नई अधिसूचना तैयार की गई, जिसे जल्द ही अपलोड किया जाएगा।