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December 5, 2024

हिमाचल: सहकारिता एक्ट में होगा बदलाव, ऑडिट प्रक्रिया में सख्ती का प्रावधान

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शिमला। राजधानी शिमला के मशोबरा में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में एक अहम निर्णय लिया गया। जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में सहकारिता एक्ट-1972 में बदलाव की तैयारी हो रही है। नए प्रावधानों में ऑडिट प्रक्रिया को और सख्त बनाने का फैसला किया गया है।

कंप्यूटरीकरण के लिए बजट जारी

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सभी हितधारकों से चर्चा के बाद सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए विधानसभा में नया कानून लाया जाएगा। यह भी पढ़ें : बस ने कुचली कार, महिला की थमी सांसें- दूसरे की हालत नाजुक जिससे सहकारिता विभाग को सुदृढ़ किया जाएगा। साथ ही विभाग में खाली पड़े 900 पदों को भरने की योजना पर जल्द काम शुरू होगा। इसके अलावा 1789 सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण के लिए बजट जारी किया जा चुका है।

यहां भेज सकते सदस्य सुझाव

रजिस्ट्रार सहकारी समिति आर.के. प्रुथी ने बताया कि सहकारिता एक्ट में बदलाव के लिए सदस्य अपना सुझाव registrarecooperativehp@gmail.com पर भेज सकते हैं। प्राप्त सुझावों पर दो सप्ताह के भीतर चर्चा कर उन्हें रणनीति का हिस्सा बनाया जाएगा। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पंचतत्व में विलीन हुए सूबेदार मेजर संदीप, बेटी ने दी मुखाग्नि वर्तमान में समितियों को 30 सितंबर तक ऑडिट पूरा करने के निर्देश हैं लेकिन समय पर इसे पूरा नहीं करने की समस्या को देखते हुए नया प्रावधान जोड़ा जाएगा। यदि कोई सभा ऑडिटर नियुक्त नहीं करती है तो सहायक पंजीयक ऑडिटर नियुक्त करेगा।

डिप्टी सीएम ने क्यों जताई नारजगी..?

इसके अलावा सभी सहकारी सभाओं को 31 मार्च 2025 तक अपने जनरल हाउस आयोजित करने और 15 अप्रैल 2025 तक ऑडिटर नियुक्त करने को कहा गया है। सम्मेलन में हिमफेड, वूल फेड और मिल्क फेड जैसे संगठनों की अनुपस्थिति पर उपमुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन संगठनों की गतिविधियों पर सख्ती से निगरानी रखी जाए। यह भी पढ़ें : चंद घंटों में अरेस्ट हुआ बाप-बेटे को कुचलने वाला ड्राइवर, बोलेरो गाड़ी भी जब्त

यहां स्थापित होंगे सहकारी हाट

प्रदेश में सहकारी सभाओं के सहयोग से चार स्थानों—चिंतपूर्णी (ऊना), बाबा बालक नाथ (हमीरपुर), पालमपुर (कांगड़ा) और सुंदरनगर (मंडी)—पर सहकारी हाट स्थापित करने की घोषणा की गई। इन हाट्स में सहकारी सभाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री होगी। पहले चरण में चार हाट बनाए जाएंगे, जिसके बाद पूरे प्रदेश में विस्तार की योजना है। इनसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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