शिमला। हिमाचल प्रदेश में फरवरी 2024 से चढ़ा सियासी तूफ़ान आखिरकार बीते कल 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद थम सा गया है। मगर सूबे की सियासत के बनते बिगड़ते समीकरणों का अंततः परिणाम यह निकला कि दिवंगत सीएम वीरभद्र सिंह के दो करीबी भाजपा के विधायक बन गए। प्रदेश के 6 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव के परिणाम के अनुसार भाजपा की ओर से जीते दोनों विधायकों (सुधीर शर्मा और इन्द्रदत्त लखनपाल) ने बगावत के बाद भी अपनी कुर्सी को बचा लिया है।
3 बार कांग्रेस की ओर से जीते लखनपाल
जिला हमीरपुर के तहत आते विधानसभा क्षेत्र बड़सर से भाजपा की ओर से इन्द्र दत्त लखनपाल ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की है। तीन बार कांग्रेस की ओर से विधायक रहे व अब भाजपा की ओर से चुनाव जीते लखनपाल ने बताया कि,
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मैंने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत शिमला नगर निगम से बतौर पार्षद से की थी। 42 साल तक कांग्रेस को अपने खून पसीने से सींचा था। दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र के समय उस व्यक्त सेवादल में जुड़ा था जब चार-छः लोग एकत्रित करना मुश्किल हुआ करता था।
वीरभद्र सिंह का था विशेष आशीर्वाद
लखनपाल ने कहा कि, साल 2012 में वीरभद्र सिंह के आशीर्वाद से उस समय के भाजपा के दिग्गज माने जाने वाले सीटिंग विधायक बलदेव शर्मा को हरा कर पहली बार विधानसभा पहुंचा था। लगातार तीन बार विधायक बनने के बाद जब सुक्खू सरकार में आया तो वीरभद्र सिंह के करीबी होने का खामियाजा सुक्खू द्वारा प्रताड़ित होकर भुगतना पड़ा। लखनपाल ने यहां तक कहा कि मुझे एक चपरासी तक की ट्रांसफर करवाने के लिए घंटों सचिवालय में जूझना पड़ता था।
सुधीर को वीरभद्र सिंह ने बनाया था मंत्री
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इसके अलावा धर्मशाला विधानसभा से उपचुनाव जीते भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा का भी वीरभद्र सिंह के साथ करीबी रिश्ता रहा है। सुधीर शर्मा पांचवीं बार विधायक बने हैं। इससे पहले चार बार कांग्रेस की ओर से विधायक बनते रहे थे। सुधीर शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र के इतने करीबी थे कि, साल 2012 में वीरभद्र सरकार में उन्हें शहरी विकास मंत्री भी बनाया गया था।
सुक्खू की तानाशाही से तंग आकार छोड़ी कांग्रेस
सुधीर शर्मा ने बताया कि 2022 में जैसे ही राज्य में सुक्खू की सरकार बनी तो उन्हें हर लिहाज से नजर अंदाज किया जाने लगा। जिस कारण फरवरी 2024 में सुक्खू की तानाशाही से तंग आकार मैंने अपनी माता से सलाह लेकर काग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। सुधीर ने कहा कि भाजपा ने मुझपर भरोसा जताते हुए उपचुनाव के लिए टिकट दिया और भाजपा से संयुक्त प्रयास से मैं यह चुनाव जीतने में सफल रहा।