शिमला। लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने से ठीक पहले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने तीन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करके प्रदेश की सियासत में एक नया रोमांच भर दिया है। प्रदेश में जल्द एक बार फिर से उपचुनाव कराए जाएंगे, जिसका बोझ सीधा प्रदेश की जनता पर पड़ेगा।
उपचुनाव होने से रुकेगा विकास
नालागढ़ से निर्दलीय चुनाव जीत कर आए KL ठाकुर ने अपना इस्तीफा स्वीकार किए जाने पर कहा कि देर से सही मगर फैसला आ गया है। उन्होंने आगे कहा कि उनका इस्तीफा देने का मकसद सिर्फ यह था कि लोकसभा के साथ विधानसभा का उपचुनाव भी हो जाए, जिससे कि सरकार का कुछ पैसा बचे। KL ठाकुर के अनुसार शिक्षकों की चुनावी ड्यूटी से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है और साथ ही विकास के कार्यों पर भी असर पड़ता है।
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ऐसे में अब लोकसभा के और 6 विधानसभा सीटों के उप चुनाव समाप्त होने के बाद एक बार फिर उपचुनाव होने से तीन जिलों में चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लगेगी, जिससे काफी सारी चीजों पर प्रभाव पड़ेगा।
स्पीकर ने लम्बा खींच दिया मामला!
गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग होने के बाद 22 मार्च को तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। अगले ही दिन 23 मार्च को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।
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मगर इसके बावजूद भी विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने उनके इस्तीफा को स्वीकार नहीं किया और यह मामला लंबे समय तक खींचता चला गया जिस कारण से इन तीन विधानसभा सीटों पर अलग से उपचुनाव कराने होंगे।
इन तीन सीटों पर होंगे उपचुनाव
सामने आई जानकारी के अनुसार अब देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव कराए जाएंगे। वहीं, इन तीनों विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद हिमाचल विधानसभा में कल 59 विधायक रह जाएंगे। इसमें से 34 कांग्रेस के और 25 भाजपा के विधायक होंगे। विधानसभा का नया संख्या बल उपचुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ही पूरी तरह से साफ हो पाएगा।