ऊना। हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की हार आखिर कैसे हुई इस विषय पर चल रहा दो दिवसीय मंथन खत्म हो गया है और निष्कर्ष यह निकला है की इस बार भी भाजपा के लिए हार वजह भीतरघात बना है।
वही कारण जो 2022 के विधानसभा चुनावों से भाजपा के साथ साथ चल रहा है। साल 2022 के विधानसभा चुनावों में भी हार के बाद मंथन हुआ था और यही निष्कर्ष तब भी निकला था, जिससे 2022 में ही सबक सीख लिया गया होता तो शायद पिछले डेढ़ महीने में हुए दो उपचुनावों में भाजपा 9 में से सिर्फ 3 सीटें ना जीतती।
हालांकि, इस बार कुछ सीटों पर हार का ठीकरा गुटबाज़ी पर भी फोड़ा गया है। इस कारण से भाजपा को सुजानपुर,लाहौल स्पिति और नालागढ़ सीट पर सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है।
सुजानपुर में भारी पड़ी गुटबाजी
सुजानपुर सीट पर भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में कैप्टन रणजीत सिंह को टिकट दिया था और कांग्रेस ने राजिंदर राणा को टिकट दिया था। इस बार पहले कांग्रेस और बाद में भाजपा के भीतर बगावत होने के बाद स्थिति उलट गई थी और राजिंदर राणा भाजपा प्रत्याशी बने थे, जबकि रणजीत सिंह कांग्रेस के प्रत्याशी।
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वैसे तो इस सीट पर धूमल परिवार का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है, राजेंद्र राणा और धूमल परिवार की दूरियों से भी हर कोई वाकिफ है ऐसे में अगर इस सीट पर भीतरघात की शंका ज़ाहिर की गई है, तो धूमल परिवार ज़िक्र होना लाज़मी है।
नालागढ़ में बागी ने हराया
इसी तरह सोलन ज़िले की नालागढ़ सीट पर तो आंकड़े ही ये कहानी बयान कर रहे हैं कि अगर नालागढ़ में बीजेपी के बागी हरप्रीत सैनी ने निर्दलीय चुनाव ना लड़ा होता और 13 हजार से ज्यादा वोट ना लिए होते। तो यहां भाजपा प्रत्याशी के एल ठाकुर आसानी से जीत जाते। क्योंकि तब पार्टी एकजुट होती।
पूर्व मंत्री ने लाहौल ने डुबोई नैया
वहीं, लाहौल स्पीति में भी बीजेपी के बागी एवं पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। यहां पर बीजेपी प्रत्याशी तीसरे पर नंबर पर रहे, लेकिन अगर पार्टी एकजुट होती तो यहां भी परिणाम अलग हो सकते थे।
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कांग्रेस पर ही फोड़ दिया हार का ठीकरा
हालांकि, ऊना में आयोजित हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में हार का आत्मनिरीक्षण करने पर एक निष्कर्ष यह भी निकला है कि चुनावों के दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जाना भी हार की वजह बना।
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बिंदल ने बोला कांग्रेस पर हमला
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने चुनावों में पूर्ण रूप से दादागिरी के साथ कार्य किया। भाजपा के कार्यकर्ताओं पर गलत झूठे केस भी दर्ज किए गए।
ऊना में दो दिन चली कार्यसमिति की बैठक
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (हिमाचल) कार्यसमिति की बैठक ऊना में संपन्न हुई। इसमें लोकसभा और विधानसभा उप चुनाव के प्रभारियों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल को सौंपी है। इस बैठक में BJP कार्यसमिति में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत 700 से ज्यादा पार्टी पदाधिकारी शामिल रहे।
क्या इस वजह से नहीं आए नड्डा
पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के शामिल होने की भी चर्चा थी लेकिन बताया जा रहा है प्रदेश के बिलासपुर जिला से सम्बन्ध रखने वाले भाजपा नेता जे पी नड्डा केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार प्रदेश आएंगे ऐसे में भाजपा कार्यकर्ता उनका भव्य स्वागत करना चाहते हैं। इसीलिए हार पर मंथन के लिए वो नहीं पहुंचे।